NCERT Solutions Class 11 Hindi आरोहChapter 18 - जामुन का पेड़

NCERT Solutions Class 11 Hindi आरोहChapter 18 - जामुन का पेड़

NCERT Solutions Class 11 आरोह  11 वीं कक्षा से Chapter-18  जामुन का पेड़ के उत्तर मिलेंगे। यह अध्याय आपको मूल बातें सीखने में मदद करेगा और आपको इस अध्याय से अपनी परीक्षा में कम से कम एक प्रश्न की उम्मीद करनी चाहिए। 
हमने NCERT बोर्ड की टेक्सटबुक्स हिंदी आरोह के सभी Questions के जवाब बड़ी ही आसान भाषा में दिए हैं जिनको समझना और याद करना Students के लिए बहुत आसान रहेगा जिस से आप अपनी परीक्षा में अच्छे नंबर से पास हो सके।
Solutions class 11 Core hindi आरोहChapter 18 - जामुन का पेड़


एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर

Class 11 Core hindi आरोह

पाठ-18 जामुन का पेड़

अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर

पृष्ठ संख्या: 110
पाठ के साथ
प्रश्न 1. बेचारा जामुन का पेड़| कितना फलदार था|
और इसकी जामुनें कितनी रसीली होती थीं|

क. ये संवाद कहानी के किस प्रसंग में आए हैं?
ख. इससे लोगों की कैसी मानसिकता का पता चलता है?

उत्तर
क. आँधी के कारण जामुन का पेड़ सेक्रेटेरियट के लॉन में गिर गया था| उस पेड़ के नीचे एक आदमी दब गया था| जब माली ने सुबह यह देखा तो उसने क्लर्क को सूचित किया| इस बात के पता चलते ही सभी उस पेड़ के आस-पास इकट्ठे हो गए और उपरोक्त बातें करने लगे|

ख. इन बातों से लोगों की संवेदनहीन मानसिकता का पता चलता है| लोग उस पेड़ के नीचे दबे हुए आदमी के बारे में न सोचकर जामुन के पेड़ के गिरने से हुए नुकसान के बारे में सोचते हैं कि अब उन्हें जामुन खाने नहीं मिलेंगे| इससे यह पता चलता है कि वे कितने स्वार्थी और मतलबी हैं|

प्रश्न 2. दबा हुआ आदमी एक कवि है, यह बात कैसे पता चली और इस जानकारी का फाइल की यात्रा पर क्या असर पड़ा?

उत्तर
रात को जब माली दबे हुए आदमी को खिचड़ी खिलाते हुए बताया कि मामला ऊपर तक चला गया है| कल सेक्रेटरियों की मीटिंग है और उम्मीद है कि सब ठीक हो जाएगा| इस बात पर दबे हुए आदमी ने कराहते हुए एक शायरी सुना डाली| यह सुनकर माली ने उससे पूछा कि क्या वो शायर है| उसने हामी भरी और यह बात सबको पता चल गई|

इस जानकारी से जो मामला सुलझने वाला था, उसमें और देरी होने की संभावना बढ़ गई| दबे हुए आदमी के कवि होने से फाइल एग्रीकल्चर, व्यापार, हॉर्टीकल्चर जैसे विभागों से होते हुए आखिरकार कल्चरल विभाग तक आ पहुँची| निर्णय लेने में देरी होने के कारण दबा हुआ आदमी अधिक दिन तक जीवित नहीं रह सका और अंततः मर गया|

प्रश्न 3. कृषि-विभाग वालों ने मामले को हॉर्टीकल्चर विभाग को सौंपने के पीछे क्या तर्क दिया?

उत्तर
कृषि विभाग वालों ने मामले को हॉर्टीकल्चर विभाग को सौंपने के पीछे यह तर्क दिया कि कृषि विभाग अनाज और खेती-बाड़ी के मामलों में फैसला करने का हकदार है| जामुन का पेड़ चूँकि एक फलदार पेड़ था, इसलिए यह मामला हॉर्टीकल्चर विभाग के अंतर्गत आता है|

प्रश्न 4. इस पाठ में सरकार के किन-किन विभागों की चर्चा की गई है और पाठ से उनके कार्य के बारे में क्या अंदाजा मिलता है?

उत्तर
इस पाठ सरकार के निम्नलिखित विभागों की चर्चा की गई है और उनके निम्नलिखित कार्य हैं:
(i) कृषि विभाग- इस विभाग का कार्य कृषि संबंधी मामलों की देखरेख करना है|
(ii) व्यापार विभाग- इसका कार्य देश में होने वाले व्यापार से संबंधित है|
(iii) हॉर्टीकल्चर विभाग- यह विभाग बागवानी तथा उनके रख-रखाव से संबंधित है|
(iv) कल्चरल विभाग- इसका अर्थ है सांस्कृतिक विभाग, जो कला तथा संस्कृति के विकास सबंधी कार्य करता है|
(v) फ़ॉरेस्ट विभाग या वन विभाग- यह विभाग वनों तथा वन्य-प्राणियों के सुरक्षा हेतु कार्य करता है|
(vi) विदेश विभाग- यह विभाग अंतर्राष्ट्रीय संबधों को मजबूत बनाने तथा उससे संबंधित नीतियों के कार्यान्वयन में सहायता करता है|

पाठ के आस-पास

प्रश्न 1. कहानी में दो प्रसंग ऐसे हैं, जहाँ लोग पेड़ के नीचे दबे आदमी को निकालने के लिए कटिबद्ध होते हैं| ऐसा कब-कब होता है और लोगों का यह संकल्प दोनों बार किस-किस वजह से भंग होता है?

उत्तर
जैसे ही पता चला कि जामुन के पेड़ के नीचे एक आदमी दबा हुआ है, कुछ मनचले क्लर्कों ने कानून की परवाह किए बिना पेड़ हटाकर उसे बाहर निकालने का निश्चय किया| वे ऐसा करने ही वाले थे कि तभी सुपरिंटेंडेंट दौड़ता हुआ आया और बताया कि यह पेड़ कृषि विभाग के अंतर्गत आता है और उनकी अनुमति के बिना हम इसे नहीं हटा सकते|

जैसे ही फ़ॉरेस्ट विभाग के कर्मचारी आरी-कुल्हाड़ी लेकर पेड़ काटने पहुँचे, तभी विदेश विभाग से आदेश आया कि यह पेड़ नहीं काटा जा सकता क्योंकि यह पेड़ पोटानिया राज्य के प्रधानमंत्री ने लगाया था| पेड़ काटने से दो राज्यों के संबंध बिगड़ सकते हैं और उससे मिलने वाली सहायता भी बंद हो सकती है|

प्रश्न 2. यह कहना कहाँ तक युक्तिसंगत है कि इस कहानी में हास्य के साथ-साथ करूणा की भी अंतर्धारा है| अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दें|

उत्तर
इस कहानी में हास्य के साथ-साथ करूणा की भी अंतर्धारा है| इस बात से मैं सहमत हूँ| कहानी के आरंभ में ही हास्य दृश्य है, जब जामुन के पेड़ के गिरने पर सभी उसके रसीले फल को याद करके अफ़सोस व्यक्त करते हैं| कोई उसके नीचे दबे हुए आदमी की कराह को नहीं सुनता| कुछ मनचले क्लर्क पेड़ की जगह आदमी को ही काटने की बात करते हैं जिससे कि पेड़ को कोई नुकसान न हो| इस बात से हास्य और करूणा दोनों की अनुभूति होती है| कहानी के अंत में एक ओर फैसला आता है और दूसरी ओर आदमी की मौत हो जाती है तथा चीटियों की एक लंबी पंक्ति उसके मुँह में चली जा रही है| यह अत्यंत ही कारुणिक दृश्य है|

प्रश्न 3. यदि आप माली की जगह होते, तो हुकूमत के फैसले का इंतजार करते या नहीं? अगर हाँ, तो क्यों? और नहीं, तो क्यों?

उत्तर
यदि मैं माली की जगह होती/होता, तो हुकूमत के फैसले का इंतजार नहीं करता/करती, क्योंकि किसी व्यक्ति के जीवन से बढ़कर कोई कानून या नियम नहीं है| एक पेड़ के कारण व्यक्ति के जीवन को दाँव पर नहीं लगा सकते| यह कोई सामान्य स्थिति नहीं थी, जिसमें निर्णय का इंतजार किया जा सकता था| एक गिरे हुए पेड़ के कारण आदमी की जान जाने वाली थी| इसलिए किसी भी प्रकार का खतरा उठाए बिना लोगों की सहायता से पेड़ हटाने की कोशिश करता/करती|

शीर्षक सुझाइए

कहानी के वैकल्पिक शीर्षक सुझाएँ| निम्नलिखित बिन्दुओं को ध्यान में रखकर शीर्षक गढ़े जा सकते हैं-
• कहानी में बार-बार फाइल का जिक्र आया है और अंत में दबे हुए आदमी के जीवन की फाइल पूर्ण होने की बात कही गई है|


उत्तर
जीवन की फाइल|

• सरकारी दफ्तरों की लंबी और विवेकहीन कार्यप्रणाली की ओर बार-बार इशारा किया गया है|

उत्तर लंबी तथा विवेकहीन सरकारी प्रणाली|

• कहानी का मुख्य पात्र उस विवेकहीनता का शिकार हो जाता है|

उत्तर- लापरवाही तथा विवेकहीनता के दुष्परिणाम|

भाषा की बात

प्रश्न 1. नीचे दिए गए अंग्रेजी शब्दों के हिंदी प्रयोग लिखिए-

अर्जेंट, फ़ॉरेस्ट, डिपार्टमेंट, मेंबर, डिप्टी सेक्रेटरी, चीफ़ सेक्रेटरी, मिनिस्टर, अंडर सेक्रेटरी, हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट, एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट|

उत्तर
अर्जेंट- अति आवश्यक
फॉरेस्ट डिपार्टमेंट- वन-विभाग
मेंबर- सदस्य
डिप्टी सेक्रेटरी- उप-सचिव
मिनिस्टर- मंत्री
अंडर सेक्रेटरी- अवर-सचिव
हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट- उद्यान कृषि-विभाग
एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट- कृषि-विभाग

प्रश्न 2. इसकी चर्चा शहर में भी फ़ैल गई और शाम तक गली-गली से शायर जमा होने शुरू हो गए- यह एक संयुक्त वाक्य है, जिसमें दो स्वतंत्र वाक्यों को समानाधिकरण समुच्चयबोधक शब्द और से जोड़ा गया है| संयुक्त वाक्य को इस प्रकार सरल वाक्य में बदला जा सकता है- इसकी चर्चा शहर में फैलते ही शाम तक गली-गली से शायर जमा होने शुरू हो गए| पाठ में से पाँच संयुक्त वाक्यों को चुनिए और उन्हें सरल वाक्य में रूपांतरित कीजिए|

उत्तर
1. माली ने अचंभे से मुँह में उँगली दबा ली और चकित भाव से बोला- माली अचंभे से मुँह में ऊँगली दबाकर चकित भाव से बोला।

2. इतना बड़ा कवि- ‘ओस के फूल’ का लेखक और हमारी अकादमी का मेंबर नहीं है- ‘ओस के फूल’ का लेखक बड़ा कवि होते हुए भी हमारी अकादमी का मेंबर नहीं है।

3. जामुन का पेड़ चूँकि फलदार पेड़ है,इसलिए यह पेड़ हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट के अंतर्गत आता है- जामुन का पेड़ फलदार पेड़ होने के कारण हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट के अंतर्गत आता है।

4. आधा आदमी उधर से निकल आएगा और पेड़ वहीँ का वहीँ रहेगा- आधा आदमी उधर से निकल आने पर पेड़ वहीँ का वहीँ रहेगा।

5. कल यह पेड़ काट दिया जाएगा, और तुम इस संकट से छुटकारा हासिल कर लोगे- कल इस पेड़ के कटते ही तुम इस संकट से छुटकारा हासिल कर लोगे|

प्रश्न 3. साक्षात्कार अपने-आप में एक विधा है| जामुन के पेड़ के नीचे दबे आदमी के फाइल बंद होने (मृत्यु) के लिए जिम्मेदार किसी एक व्यक्ति का काल्पनिक साक्षात्कार करें और लिखें|

उत्तर
जामुन के पेड़ के नीचे दबे आदमी के फ़ाइल बंद होने (मृत्यु) के लिए जिम्मेदार सुपरिंटेंडेंट और साक्षात्कारकर्ता के बीच का काल्पनिक साक्षात्कार-

साक्षात्कारकर्ता: क्या, आप ही इस विभाग के सुपरिंटेंडेंट हैं?

सुपरिंटेंडेंट: जी हाँ !

साक्षात्कारकर्ता: तब तो आपको पता ही होगा कि आपकी लॉन में एक पेड़ गिरने से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई है|

सुपरिंटेंडेंट: इसमें मेरी कोई गलती नहीं है|

साक्षात्कारकर्ता: लेकिन माली को आपने ही पेड़ काटने से मना किया था|

सुपरिंटेंडेंट: देखिए जनाब, हम सरकारी कर्मचारी हैं इसलिए कार्य को नियम और कानून के दायरे में रहकर करना पड़ता है|

साक्षात्कारकर्ता: चाहे इस नियम और कानून के कारण किसी की जान ही क्यों न चली जाए|

सुपरिंटेंडेंट: नहीं! ऐसा हमने कब कहा? लेकिन....

साक्षात्कारकर्ता: लेकिन क्या?

सुपरिंटेंडेंट: मैंने तो ये कहा कि मैं कानून के दायरे के बाहर नहीं जा सकता था| मुझे अपने से ऊपर जवाब देना पड़ता है|

साक्षात्कारकर्ता: पर ये कहाँ लिखा है कि मरते हुए आदमी को छोड़कर आप फ़ाइल के चक्कर में पड़े रहे|

सुपरिंटेंडेंट: मैं स्वयं निर्णय कैसे लेता? यह काम मेरे विभाग से संबंधित ही नहीं था|

साक्षात्कारकर्ता: तो आप ही बताइए कि इस बेचारे व्यक्ति के मरने की जिम्मेदारी किस विभाग की है?

सुपरिंटेंडेंट: मैं इस बारे में आगे कोई बात नहीं करना चाहता हूँ| मुझे जो ठीक लगा वह मैंने किया अच्छा नमस्कार|


एनसीईआरटी सोलूशन्स क्लास 11 आरोह पीडीएफ

    (अ) काव्य भाग

        (ब) गद्य भाग