NCERT Solutions class 12 भूगोल Chapter 2 - विश्व जनसँख्या वितरण घनत्व और वृद्धि

NCERT Solutions class 12 भूगोल  Chapter 2 - विश्व जनसँख्या वितरण घनत्व और वृद्धि'

NCERT Solutions Class 12 भूगोल 12 वीं कक्षा से Chapter 2 विश्व जनसँख्या वितरण घनत्व और वृद्धि के महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर मिलेंगे। यह अध्याय आपको मूल बातें सीखने में मदद करेगा और आपको इस अध्याय से अपनी परीक्षा में कम से कम एक प्रश्न की उम्मीद करनी चाहिए। 

हमने NCERT बोर्ड की टेक्सटबुक्स भूगोल के सभी Questions के जवाब बड़ी ही आसान भाषा में दिए हैं जिनको समझना और याद करना Students के लिए बहुत आसान रहेगा जिस से आप अपनी परीक्षा में अच्छे नंबर से पास हो सके।
Solutions class 12 भूगोल  Chapter 2 - विश्व जनसँख्या वितरण घनत्व और वृद्धि


CBSE Class 12 Geography

Important Questions

(भाग-1)

पाठ-2

विश्व जनसँख्या वितरण घनत्व और वृद्धि

अति लघु प्रश्नोत्तर

प्र.1 इक्कीसवीं सदी के प्रारंभ में विश्व की जनसंख्या कितनी थीं?

उ० छः अरब (लगभग)

प्र°2 जनसंख्या घनत्व किसे कहते हैं ?

उ० प्रति इकाई क्षेत्रफल पर निवास करने वाले व्यक्तियों की औसत संख्या को जनसंख्या घनत्व कहते हैं।

प्र°3 विश्व में किस महाद्वीप में सबसे अधिक जनसंख्या वृद्धि दर पाई जाती है ?

उ० अफ्रीका महाद्वीप में।

प्र°4 जनसंख्या की वास्तविक वृद्धि की गणना कैसे की जाती है ?

उ० जनसंख्या की वास्तविक = वृद्धि जन्म - मृत्यु + आप्रवास - उत्प्रवास

प्र°5 किस महाद्वीप में जनसंख्या वृद्धि दर लगभग शून्य है ?

उ० यूरोप महाद्वीप

प्र.6 एशिया की जनसंख्या के सम्बन्ध में जार्ज क्रेसी की टिप्पणी क्या है ?

उ० “एशिया में बहुत अधिक स्थानों पर कम लोग और कम स्थानों पर बहुत अधिक लोग रहते है।

प्र.7 विश्व जनसंख्या की वर्तमान वार्षिक वृद्धि दर क्या है ?

उ. विश्व जनसंख्या की वर्तमान वार्षिक वृद्धि दर 1.4 प्रतिशत है।

प्र.8 जनांकिकीय संक्रमण सिद्धान्त की प्रथम अवस्था के दो महत्वपूर्ण लक्षण बताऐ?

उ० उच्च प्रजननशीलता तथा उच्च मत्र्यता।

अति लघु प्रश्न

प्र.9 अफ्रीका की सघन जनसँख्या वाली एक खनिज पेटी का नाम बताइए।
उ० कटंगा - जाम्बिया तांबा पेटी
प्र°10 विश्व में किस देश की वृद्धि दर सवार्धिक है ?
उ० लाईबेरिया (8.2 प्रतिशत)
प्र°11 विश्व में किस देश की वृद्धि दर सबसे कम है ?
उ० लेटविया (-1.5 प्रतिशत)
प्र.12 विकासशील (अफ्रीकी) देशो में जीवन प्रत्याशा कम क्यों है ?
उ° एच. आई. वी./एड्स जैसी जानलेवा बीमारियों के कारण।
लघु प्रश्नोत्तर

प्र.1 जनसंख्या वितरण को कौन से कारक प्रभावित करते हैं।
उ० जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक निम्न है:-
1. प्राकृतिक कारकः- इनमें धरातल की बनावट, जलवायु, मृदा, वनस्पति, जल तथा खनिज पदार्थो की उपलब्धि सम्मिलित है।
2. सांस्कृतिक कारकः- इनमें धर्म, भाषा, संस्कृति आदि सम्मिलित हैं।
3. आर्थिक कारक:- इनमें यातायात के साधन, उद्योग कारक सम्मिलित है।
4. राजनैतिक कारक:- अशान्ति, युद्ध, गृह युद्ध आदि कारक हैं।
प्र.2 प्रवास के प्रतिकर्ष कारक और अपकर्ष कारकों में अन्तर स्पष्ट करे।
प्रतिकर्ष
अपकर्ष कारक
ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि पर बढ़ती जनसंख्या के दबाव के कारण
जीविकोपार्जन के साधनों की कमी के कारण लोग बेहतर स्थानों
की ओर प्रवास करते है।
नगरों में अच्छे अवसरों, शिक्षा तथा मनोरजनों के साधनों के
कारण लोग चुम्बक की तरह आकषिर्त होते हैं।
गाँव में आजीविका प्राप्त नहीं कर पाने वाली जनसंख्या की गणना  अधिशेष जनसंख्या के रूप में की जाती है। यह जनसंख्या नगरों की ओर करती है।नगरों में उद्योग, परिवहन, संचार व्यापार तथा वाणिज्य आदि की बेहतर सुविधायें लोगों को प्रवास के लिए प्रवास प्रेरित 
 बेरोजगारी, आजीविका के साधनों की कमी, कृषि के कम उत्पादन आदि के कारण भुखमरी आदि प्रतिवर्ष के लिए प्रमुख कारक है।उपकर्ष कारक वह स्वैच्छिक प्रवास है जब लोग नगरों को सुविधाओं- अजीविका के बेहतर साधनों से प्रेरित होकर  प्रवास करते है।
प्र°3 जनसंख्या के अंकगणितीय एवं कायिक धनत्व में अंतर स्पष्ट कीजिए:
उ० जनसंख्या के अंकगणितीय एवं कायिक घनत्व में अंतरः
अंकगणितीय घनत्व
कायिक घनत्व
किसी देश की कुछ जनसंख्या तथा उसके क्षेत्रफल के अनुपात को वहाँ की जनसंख्या का अंकगणितीय घनत्व कहते है अंकगणितीय घनत्व = कुल जनसंख्या/कुल क्षेत्रफल किसी देश की कुछ जनसंख्या तथा वहाँ की कुल कृषि भूमि के अनुपात को कायिक घनत्व कहते है। इनमें से कृषि के लिए आयोग्य  भूमि को कुल भूमि में से निकाल कर गणना की जाती है। कायिक घनत्व = कुल जनसंख्या / कुल कृषि योग्य भूमि का क्षेत्रफल
बेरोजगारी,यह जनसंख्या के संकेन्द्रण की मात्रा को समझने का सबसे सरल तरीका है।देश की कुल जनसंख्या में कृषि के अयोग्य सभी भूमियों जैसे वन,चरागाह दलदल, मरुभूमि आदि को कुल भूमि में से निकाल कर  गणना की जाती है।
यद्यपि इस प्रकार के घनत्व द्वारा एक देश अथवा प्रदेश के भीतर जनसंख्या वितरण की असमानताओं को अनदेखाकर दिया जाता है तथापि विभिन्न देशों की जनसंख्या विशेषताओं की तुलना करने की यह एक अच्छी विधि है 
उदाहरण के लिए भारत की कुल कृषि योग्य भूमि 14.26 लाख वर्ग कि.मी. है। इसमें वन, मरूभूमि, दलदल आदि सम्मिलित नहीं है।भारत की कुल जनसंख्या 2001 में 10270 लाख थी। इस प्रकार  कायिक घनत्व 10290/14.26 = 720 मनुष्य प्रति वर्ग कि.मी. है।

संयुक्त राज्य अमेरिका का अंकगणितीय जनसंख्या का धनत्व 28 व्यक्ति प्रति वर्ग कि.मी. है इसके विपरीत यूरोप का जनसंख्या घनत्व 107 जो संयुक्त राज्य अमेरिका से चार गुना अधिक है। यह घनत्व भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि के लिए उपयोगी है।क्योंकि यह कृषि की गहनता का प्रतिबिम्बित व्यक्ति के हिस्से में आने वाली भूमि घटती जाती है।
प्र°4 जन्म दर तथा मृत्यु दर में अन्तर स्पष्ट कीजिए ?
उ॰ जन्म दर तथा मृत्यु दर में अन्तर
जन्मदर
मृत्युदर
एक वर्ष में जनसंख्या के प्रति एक हजार व्यक्तियों पर किसी
देश में जन्मे जीवित बच्चों की संख्या की जन्म दर कहते है। 
जनसंख्या के प्रति एक हजार व्यक्तियों पर किसी देश या क्षेत्र में
| मरने वाले लोगों की संख्या को मृत्यु दर कहते हैं। 
यदि अशोधित अन्मदर अशोधित मृत्यु दर से अधिक हो तो
जनसंख्या में शुद्ध वृद्धि होती है।
मृत्यु दर निग्न सूत्र में ज्ञात की जा सकती है। अशोधित मृत्यु दर= मृतकों की संख्या जनसंख्या × 1000 
जन्म दर की जानकारी किसी देश की जनसंख्या वृद्धि अध्ययन के लिए बहुत उपयोगी है। 
संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार मृत्यु से तात्पर्य जन्म के बाद किसी
भी समय जीवन के सभी प्रमाणों का स्थायी रूप से लोप हो
जन्म दर में तीव्र गिरावट और मृत्यु दर में तीव्र वृद्धि होती है तो जीवन प्रत्याशा में गिरावट आती है।उदाहरण के लिए किसी क्षेत्र को 5 लाख की जनसंख्या में मरने वालों की संख्या 5000 हो तो मृत्यु दर होगी:-5000/500000 x 1000 = 10
विकासशाली देशों में अशोधित जन्म दर अधिक है और
विकसित देशों में अपेक्षाकृत बहुत कम है।
मृत्यु दर की गणना करते समय सारी संख्या को सम्मिलित किया जाता है। परन्तु जनसंख्या के विभिन्न आयु वर्गो में मृत्यु
दर में भिन्नता पाई जाती है। इसलिए इसे मृत्यु दर कहते हैं।

प्र°5 किसी देश की जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ने पर वहाँ के आर्थिक विकास पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उ० जनसंख्या की तीव्र वृद्धि के कारण अनेक प्रकार की आर्थिक और सामाजिक समस्यायें उत्पन्न हो जाती है।
1. भोजन की समस्याः तीव्र गति से जनसंख्या की वृद्धि के कारण भोजन पदार्थों की आवश्यकता की पूर्ति कठिन हो जाती है।
2. आवास की समस्या: बढ़ती जनसंख्या के कारण निवास स्थानों की कमी होती जा रही है। लाखों लोग झुग्गी तथा झोंपड़ी में निवास करते हैं।
3. बेरोजगारी: जनसंख्या वृद्धि के कारण बेकारी एक गम्भीर समस्या के रूप में उभर कर सामने आई है। आर्थिक विकास कम हो जाने से रोजगार के अवसर कम हो जाते हैं और बेरोजगारों की संख्या बढ़ जाती है।
4. निम्न जीवन स्तर: अधिक जनसंख्या के कारण प्रति व्यक्ति आय कम हो जाती है, इसलिए जीवन स्तर गिर जाता है।
5. जनसंख्या का कृषि पर अधिक दबाव: बढ़ती जनसंख्या को खाद्यान्नों की पूर्ति करने के लिए कृषि योग्य भूमि पर दबाव बढ़ जाता है।
6. बचत में कमी: जनसंख्या वृद्धि के कारण कीमतें बढ़ जाती है तथा बचत कम होती है।
7. स्वास्थ्य: नगरों में गन्दगी बढ़ जाती है स्वास्थ्य और सफाई का स्तर नीचे गिर जाता है।
प्र.6जनांकिकीय संक्रमण की तीन अवस्थाओं की विवेचना कीजिए ?
उ० जनाकिकीय संक्रमण सिद्धान्त से किसी क्षेत्र में भविष्य में जनसंख्या के बारे में जानकारी प्राप्त हो सकती हैं। सिद्धान्त बताता है
कि किसी प्रदेश की जनसंख्या में परिवर्तन समय के अनुसार ग्रामीण कृषिय और निरक्षर जनसंख्या के नगरीय
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औद्योगिक समाज की ओर हो रहा है जो उच्च जन्म दर और उच्च मृत्यु दर से कम जन्म दर और कम मृत्यु दर की ओर में परिवर्तन निम्न अवस्थाओं में होता है। इसे जनांकिकीय चक्र भी कहते हैं।
ये तीन अवस्थायें है:-
प्रथम अवस्था: प्रथम अवस्था में उच्च जन्म दर और उच्च मृत्यु दर होती है। जनसंख्या वृद्धि धीमी होती है और अधिकतम लोग प्राथमिक व्यवसाय में लगे होते हैं।
द्वितीय अवस्था: इस अवस्था में प्रारंभ में उच्च जन्म दर में कमी होने लगती है मृत्यु दर में भी कमी आ जाती है इसी कारण से जनसंख्या वृद्धि कम होने लगती है।
तृतीया अवस्था: इस अवस्था में जन्म दर तथा मृत्यु दर बहुत कम हो जाती है। लगभग संतुलन की स्थिति होती है। जनसंख्या या तो स्थिर होजाती है अथवा बहुत कम वृद्धि होती है।
प्र०7 जनसंख्या वृद्धि और हृास के परिणामों को समझायें ?
उ. किसी देश की जनसंख्या की वृद्धि वहां के आर्थिक विकास पर धनात्मक और ऋणात्मक दोनो प्रकार के प्रभाव डालती है।
.•यदि किसी देश में जनसंख्या वृद्धि की दर निम्न है तो
.•राष्ट्रीय आय में वृद्धि की संभावना बढ़ जाती हैं।
.• प्रति व्यक्ति आय भी अधिक होती है।
• देश के संसाधनों का दोहन आसानी से किया जा सकता है।
• जीवन स्तर उच्च स्तर का होता है।
.•शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार, व्यापार आदि की सुविधाओं का विकास होता है।
यदि जनसंख्या वृद्धि दर उच्च है तो राष्ट्रीय आय में वृद्धि की संभावनाएं कम हो जाती है। प्रति व्यक्ति आय भी कम हो जाती है। रहन- सहन का स्तर गिरता है। जनसंख्या वृद्धि के कारण विकास का पूर्ण लाभ प्राप्त नहीं होता।
जनसंख्या हास के परिणाम:-
.•देश के संसाधनों का पूर्ण उपयोग नहीं होता।
• यदि जनसंख्या में वृद्धि का क्रम दोबारा आरम्भ करने में प्रयत्न नहीं किए गए तो उस समाज की आधारभूत संरचना स्वयं ही अस्थिर हो सकती है।
• जनसंख्या के हास से संसाधनों का विकास कम होता है।
प्र०8 विश्व में अधिक जनसंख्या घनत्व वाले चार प्रमुख क्षेत्र कौन से है ?
उ° जनसंख्या घनत्व उन क्षेत्रों में अधिक होता है जहाँ अनुकूल पर्यावरण है। उपजाऊ मैदान, अनुकूल जलवायु, औद्योगिकरण और शहरीकरण प्रमुख रूप में अधिक जनसंख्या घनत्व के लिए उत्तरदायी कारक है। उच्च जनसंख्या घनत्व वाले चार क्षेत्र जहाँ जनसंख्या 100 व्यक्ति प्रति वर्ग कि.मी. से भी अधिक है।

.•पूर्वी एशिया (चीन, जापान, कोरिया और ताईबान)
.•द०, द° पूर्वी एशिया (भारत, बांग्लादेश आदि)
.•उ° पश्चिमी यूरोप (यू. के फ्रांस, जर्मनी आदि)
.•उ० अमेरिका का पूर्वी तटीय प्रदेश


प्र.9 मानूसन एशिया में उच्च जनसंख्या घनत्व के कारण बताए।
उ° इस क्षेत्र में चीन, भारत, बांग्लादेश, जापान, सिंगापुर तथा इण्डोनेशिया का जावा द्वीप प्रमुख है।

.•इन क्षेत्रों में मिट्टी उपजाऊ है तथा वर्ष पर्याप्त मात्रा में हो जाती है।
.•अनुकूल दशाओं के कारण चावल की दो से तीन फसलें ली जाती है।
अधिकतर जनसंख्या कृषि पर आधारित है।
• अधिकतर जनसंख्या उपजाऊ नदी घाटियों में ही केन्द्रित है।
.• कहीं-कहीं तो जनसंख्या का घनत्व 400 से 800 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर हैं।
प्र.10 विश्व में जनसंख्या वितरण और घनत्व को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना कीजिए ?

उ° लोग ऐसे स्थानों पर बसना चाहते है जहाँ उन्हें भोजन, पानी, घर बनाने के लिए उपयुक्त स्थान मिल जाए। जनसंख्या के वितरण को निम्न कारक सम्मिलित रूप से प्रभावित करते हैं। इनको निम्न वर्गों में विभाजित किया जा सकता है:-
(1) प्राकृतिक कारक
(2) आर्थिक कारक
(3) सांस्कृतिक कारक
(4) राजनैतिक कारक
प्राकृतिक कारक
क. उच्चावच: पर्वतीय, पठारी अथवा ऊबड़-खाबड़ प्रदेशों में कम लोग रहते हैं जबकि मैदानी क्षेत्रों में लोगों का निवास अधिक होता है क्योंकि इन क्षेत्रों में भूमि उर्वरा होती है और कृषि की जा सकती है। यही कारण है कि नदी घाटियाँ जैसे गंगा, ब्रह्मपुत्र, हांग-हो आदि की घाटियाँ अधिक घनी बसी हैं।
ख. जलवायु: अत्याधिक गर्म या अत्याधिक ठंडे भागों में कम जनसंख्या निवास करती है। ये विरल जनसंख्या वाले क्षेत्र है। इसके विपरीत शीतोष्ण जलवायु तथा मानसूनी प्रदेशों में अधिक जनसंख्या निवास करती है।
ग. मृदा: जनसंख्या के वितरण पर मृदा की उर्वरा शक्ति का बहुत प्रभाव पड़ता है। उपजाऊ मिट्टी वाले क्षेत्रों में खाद्यान्न तथा अन्य फसलें अधिक पैदा की जाती हैं तथा प्रति हैक्टेयर उपज अधिक होती है। इसलिए नदी घाटियों की उपजाऊ मिट्टी वाले क्षेत्र अधिक घने बसे हैं।
घ. खनिज पदार्थ: विषम जलवायु होने पर भी उपयोगी खनिजों की उपलब्धता से लोग वहाँ बसने लगते हैं। उदाहरण के लिए, सऊदी अरब के भीषण गर्मी वाले क्षेत्र में खनिज तेल के मिल जाने से अधिक घने बसे हैं। कालगूर्जी और कूलगर्डी की गर्म जलवायु में सोने की प्राप्ति तथा अलास्का में तेल कुओं की उपलब्धता के कारण वहाँ अधिक लोग रहते हैं।
ड. वनस्पति: अधिक घने वनों के कारण भी जनसंख्या अधिक नहीं पाई जाती है लेकिन कोणधारी वनों की आर्थिक उपयोगिता अधिक है। इसलिए लोग उन्हें काटने के लिए वहाँ बसते हैं।
आर्थिक कारकः
1. परिवहन का विकास: परिवहन के साधनों के विकास से लोग दूर के क्षेत्रों से परिवहन के बेहतर साधनों से जुड़ जाते है विश्व के सभी परिवहन साधनों से जुड़े क्षेत्र सघन आबाद है।
2. नगरीकरण और औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योगों और नगरीय केन्द्रों की वृद्धि एक उच्च जनसंख्या घनत्व को आकर्षित करती है। 
धार्मिक एवं सांस्कृतिक कारकः
3. धार्मिक कारक: धार्मिक कारणों से लोग अपने देश छोड़ने को मजबूर हो जाते है। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान यहूदियों को यूरोप छोड़कर रेगिस्तानी क्षेत्र में नया देश इजराइल बसाना पड़ा था। इसी प्रकार दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद नीति के कारण जनसंख्या का वितरण प्रभावित हुआ है। 
राजनैतिक कारक: किसी देश में गृह युद्ध, अशान्ति आदि के कारण भी जनसंख्या वितरण पर प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए, फारस की खाड़ी का युद्ध श्रीलंका में जातीय संघर्ष आदि के कारण जनसंख्या का पलायन हुआ।

प्र.11 विश्व के राजनीतिक मानचित्र में ए से लेकर एच तक के द्वारा भौगोलिक लक्षण दिखाए गए हैं। नीचे दिए गए विवरण की सहायकता से इनकी पहचान कीजिए तथा मानचित्र पर दी गई बिन्दु रेखाओं पर इसके सही नाम लिखिए।
a. संसार का दूसरा सबसे बड़ा नगर
b. यूरोप का विरल जनसंख्या पाला देश
c. ब्राजील की मेगासिटी
d. विश्व की निम्नतम लिंगानुपात वाला देश
e. विश्व में सर्वाधिक लिंगानुपात वाला देश
f. अफ्रीका में सबसे कम जनसंख्या वाला देश
g. यूरोप में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश
h. एशिया में सबसे कम जनसंख्या वाला देश
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लघु
प्र.12 जनसँख्या घनत्व के आधार पर विश्व को विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित करो।
उ° 1. उच्च घनत्व वाले क्षेत्र (200 व्यक्ति प्रति वर्ग कि. मी.)
(क)मानसून - एशिया (पूर्वी, दक्षिणी व दक्षिणी पूर्वी एशिया)
(ख)उत्तरी पशिमी यूरोप
(ग)उत्तरी अमेरिका के पूर्वी तटीय प्रदेश।
2. साधारण जनसँख्या घनत्व वाले प्रदेश (11- 50 व्यक्ति प्रति वर्ग कि. मि.)
(क)एशिया - पशिमी चीन, दक्षिणी भारत
(ख)यूरोप - नॉर्वे व स्वीडन
3. विरल जनसँख्या घनत्व वाले प्रदेश (1 व्यक्ति प्रति प्रति वर्ग कि. मि. से भी कम)
(क)उत्तरी व दक्षिणी ध्रुव
(ख)उष्ण व शीत मरुस्थल
(ग)विषुवत रेखा के निकट उच्च वर्षा के क्षेत्र।
प्र°13 “विश्व में बहुत अधिक क्षेत्रफल पर बहुत कम लोग व बहुत कम क्षेत्र पर बहुत अधिक लोग रहते है।" उदहारणो सहित इस कथन की पुष्टि करो।
उ° 1. विश्व के दस सर्वाधिक आबादी वाले देशो में विश्व की 60 प्रतिशत जनसँख्या निवास करती है। इनमे से छः एशियाई देश है। जिनकी जनसँख्या लगभग 300 करोड़ है।
2. संयुक्त राज्य अमेरिका का पूर्वी भाग यूरोप का उत्तरी पश्चेिमि भाग, दक्षिणी, दक्षिणी पूर्वी व पूर्वी एशिया के क्षेत्र सर्वाधिक घनत्व वाले क्षेत्र है जहां 200 व्यक्ति प्रति वर्ग कि. मि. से भी अधिक लोग रहते है।
3. उत्तरी व दक्षिणी ध्रवों के निकट, उष्ण व शीत मरूस्थल व अधिक वर्षा वाले स्थानों का जनसँख्या घनत्व 1 व्यक्ति प्रति वर्ग कि. मि. से भी कम है।