NCERT Solutions Class 5 रिमझिम Chapter-9 (एक माँ की बेबसी)

NCERT Solutions Class 5 रिमझिम Chapter-9 (एक माँ की बेबसी)

NCERT Solutions Class 5  रिमझिम 5 वीं कक्षा से Chapter-9 (एक माँ की बेबसी) के उत्तर मिलेंगे। यह अध्याय आपको मूल बातें सीखने में मदद करेगा और आपको इस अध्याय से अपनी परीक्षा में कम से कम एक प्रश्न की उम्मीद करनी चाहिए। हमने NCERT बोर्ड की टेक्सटबुक्स हिंदी रिमझिम के सभी Questions के जवाब बड़ी ही आसान भाषा में दिए हैं जिनको समझना और याद करना Students के लिए बहुत आसान रहेगा जिस से आप अपनी परीक्षा में अच्छे नंबर से पास हो सके।
Solutions Class 5 रिमझिम Chapter-9 (एक माँ की बेबसी)
एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर

Class 5 रिमझिम

Chapter-9 (एक माँ की बेबसी)

अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर

Chapter-9 (एक माँ की बेबसी)

कविता से
प्रश्न 1.
यह बच्चा कवि के पड़ोस में रहता था, फिर भी कविता ‘अदृश्य पड़ोस’ से शुरु होती है। इसके कई अर्थ हो सकते हैं, जैसे|
(क) कवि को मालूम नहीं था कि यह बच्चा ठीक-ठीक किस घर में रहता था।
(ख) पड़ोस में रहने वाले बाकी बच्चे एक-दूसरे से बातें करते थे, पर यह बच्चा बोल नहीं पाता था, इसलिए पड़ोसी होने के बावजूद वह दूसरे बच्चों के लिए अनजाना था। इन दो में से कौन-सा अर्थ तुम्हें ज्यादा सही लगता है? क्या कोई और अर्थ भी हो सकता है?

उत्तर:
(क) कवि को मालूम नहीं था कि यह बच्चा ठीक-ठीक किस घर में रहता था।

प्रश्न 2.
“अंदर की छटपटाहट’ उसकी आँखों में किस रूप में प्रकट होती थी?
(क) चमक के रूप में
(ख) डर के रूप में
(ग) जल्दी घर लौटने की इच्छा के रूप में

उत्तर:
(ख) डर के रूप में।

तरह-तरह की भावनाएँ
प्रश्न 1.
नीचे लिखी भावनाएँ कब या कहाँ महसूस होती हैं?
(क) छटपटाहट

  • अधीरता – कहीं जाने की जल्दी हो और जाना संभव न हो। जैसे-स्कूल की छुट्टी में अभी काफी देर हो, पर घर पर ऐसा कोई मेहमान आने वाला हो जिसे तुम बहुत पसंद करते हो।
  • इच्छा – किसी चीज़ को पाने की इच्छा हो पर वह तुरंत न मिल सकती हो। जैसे-भूख लगी हो, पर खाना तैयार न हो।
  • संदेश – हम कोई संदेश देना चाह रहे हों पर दूसरे समझ न पा रहे हों। जैसे-शिक्षक से कहना हो कि घंटी बज गई है, अब पढ़ाना बंद करें, पर उन्हें घंटी सुनाई न दी हो।

इनमें से कौन-सा अर्थ या संदर्भ इस बच्चे पर लागू होता है?
उत्तर:
‘छटपटाहट’ तब महसूस होती है जब हम अपनी इच्छानुसार काम नहीं करवा पाते हैं।
ऊपर ‘छटपटाहट’ के तीन अर्थ या संदर्भ दिए हुए हैं। इनमें से ‘संदेश वाला’ अर्थ बच्चे पर लागू होता है। रतन इशारों में अपनी बात अपने साथ खेलने वाले बच्चों तक पहुँचाना चाहता है। परन्तु बच्चे उसके इशारों को नहीं समझ पाते हैं। इस पर वह छटपटाहट महसूस करता है।
(ख) घबराहट : हमें जब किसी बात की आशंका हो तो घबराहट महसूस होती है। जैसे-
(क) अँधेरा होने वाला हो और हम घर से काफी दूर हों या अकेले हों।
(ख) समय कम हो और हमें कोई काम पूरा कर लेना हो-जैसे परीक्षा में देखा जाता है।
(ग) यह डर हो कि दूसरे के मन में क्या चल रहा है।
जैसे-पापा को मालूम चल गया हो कि काँच का गिलास तुमसे टूटा है।

प्रश्न 2.
जो बच्चा बोल नहीं सकता, वह किस-किस बात की आशंका से ‘घबराहट महसूस कर सकता है?

उत्तर:

  • लोग उसके इशारों को ठीक-ठीक समझ पा रहे हैं या नहीं।
  • कहीं कोई बेवजह डाँटने न लगे।
  • कहीं कोई हम उम्र बच्चा उसे चिढ़ाने न लगे।

प्रश्न 3.
“थोड़ा घबराते भी थे हम उससे, क्योंकि समझ नहीं पाते थे उसकी घबराहटों को
● रतन क्या सोचकर घबराता होगा?
● अपने दोस्तों से पूछकर पता करो, कौन क्या सोचकर और किस काम को करने में घबराता है। कारण भी पता करो।।

उत्तर:

दोस्त/सहेली का नामकिस बात से घबराता है?घबराने का कारण
अमरअकेलेपन सेअकेला पाकर कोई उसे पकड़ न ले।
सुगन्धाअँधेरे सेकहीं बिल्ली न आ जाए।
सुचितापहाड़ों सेकहीं पहाड़ उस पर गिर न जाए।
सौरभनदी सेकहीं अचानक नदी में बाढ़ न आ
जाए और उसे डुबा न ले।

भाषा के रंग
प्रश्न 1.
कवि ने इस बच्चे को ‘टूटे खिलौने’ की तरह बताया है। जब कोई खिलौना टूट जाता है तो वह उस तरह से काम नहीं कर पाता जिस तरह से पहले करता था। संदर्भ के अनुसार खाली स्थान भरो।

उत्तर:

खिलौनाटूटने का कारणनतीजा
गाड़ीपहिया निकल जाने पर।चल नहीं पाती
गुड़ियासीटी निकल जाने परबज नहीं पाती
गेंदहवा निकल जाने परउछल नहीं पाती
जोकरचाबी निकल जाने परहँसा नहीं पाता।

प्रश्न 2.
“बेबस’ शब्द ‘बे’ और ‘वश’ को जोड़कर बना है। यहाँ बे का अर्थ ‘बिना’ है। नीचे दिए शब्दों में यही ‘बे’ छिपा है। इस सूची में तुम और कितने शब्द जोड़ सकती हो?

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देखने के तरीके

प्रश्न 1.
इस कविता में देखने से संबंधित कई शब्द आए हैं। ऐसे छह शब्द छाँटकर लिखो

उत्तर:

  • अदृश्य
  • देखने में
  • इशारे
  • निहारती
  • आँखों में
  • झलकती

प्रश्न 2.
“माँ की आँखों में झलकती उसकी बेबसी”
आँखें बहुत कुछ कहती हैं। वे तरह-तरह के भाव लिए हुए होती हैं। नीचे ऐसी कुछ आँखों का वर्णन है। इनमें से कौन-सी नज़रें तुम पहचानते हो

  • सहमी नज़रें
  • प्यार भरी नज़रें
  • क्रोध भरी आँखें
  • उनींदी आँखें
  • शरारती आँखें
  • डरावनी आँखें।

उत्तर:
मैं इन नज़रों को पहचानता हूँ

  • प्यार भरी नज़रें
  • क्रोध भरी आँखें
  • शरारती आँखें।
  • डरावनी आँखें।

प्रश्न 3.
नीचे आँखों से जुड़े कुछ मुहावरे दिए गए हैं। तुम इनका प्रयोग किन संदर्भो में करोगे?

  • आँख दिखाना
  • नज़र चुराना
  • आँख का तारा
  • नज़रें फेर लेना
  • आँख पर पर्दा पड़ना

उत्तर:

  • आँख दिखाना-बच्चा जब जिद पर अड़ गया तो माँ ने आँखें दिखाईं। (डराने के अर्थ में)
  • नज़र चुराना-झूठ बोलकर वह निकल तो गया लेकिन उसके बाद मुझसे नज़रें चुराने लगा। (किसी की नज़र से ओझल होने की कोशिश करना
  • आँख का तारी-रतन अपनी माँ की आँखों का तारा था। (प्यारा)
  • नज़रें फेर लेना-मतलब पूरा होते ही उसने नज़रें फेर लीं। (बदल गया)
  • आँख पर पर्दा पड़ना-मि. सिन्हा को अपने बेटे की गलती नज़र नहीं आती। उनकी आँखों पर पर्दा पड़ा हुआ है। (नहीं दिखना)

माँ
“याद आती रतन से अधिक
उसकी माँ की आँखों में झलकती उसकी बेबसी”
प्रश्न 1.
रतन की माँ की आँखों में किस तरह की बेबसी झलकती होगी?

उत्तर:
अपने बेटे को बोल सकने में असमर्थ देखकर।।

प्रश्न 2.
अपनी माँ के बारे में सोचते हुए नीचे लिखे वाक्यों को पूरा करो

उत्तर:

(क) मेरी माँ बहुत खुश होती हैं जब मैं अच्छे अंकों से परीक्षा में पास होता हूँ।
(ख) माँ मुझे इसलिए डाँटती हैं क्योंकि मुझे गलती का अहसास हो और दोबारा वह गलती न करू।
(ग) मेरी माँ चाहती है कि मैं एक नेक और सच्चा इंसान बनें।
(घ) माँ उस समय बहुत बेबस हो जाती है जब मैं कभी बीमार पड़ जाता हूँ।
(ङ) मैं चाहती/ता हूँ कि मेरी माँ की आयु लम्बी और स्वस्थ हो।

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