NCERT Solutions Class 5 रिमझिम Chapter-7 (डाकिए की कहानी ,कंवरसिंह की जुबानी)

NCERT Solutions Class 5 रिमझिम Chapter-7 (डाकिए की कहानी ,कंवरसिंह की जुबानी)

NCERT Solutions Class 5  रिमझिम 5 वीं कक्षा से Chapter-7 (डाकिए की कहानी ,कंवरसिंह की जुबानी) के उत्तर मिलेंगे। यह अध्याय आपको मूल बातें सीखने में मदद करेगा और आपको इस अध्याय से अपनी परीक्षा में कम से कम एक प्रश्न की उम्मीद करनी चाहिए। हमने NCERT बोर्ड की टेक्सटबुक्स हिंदी रिमझिम के सभी Questions के जवाब बड़ी ही आसान भाषा में दिए हैं जिनको समझना और याद करना Students के लिए बहुत आसान रहेगा जिस से आप अपनी परीक्षा में अच्छे नंबर से पास हो सके।
Solutions Class 5 रिमझिम Chapter-7 (डाकिए की कहानी ,कंवरसिंह की जुबानी)
एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर

Class 5 रिमझिम

Chapter-7 (डाकिए की कहानी ,कंवरसिंह की जुबानी)

अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर

Chapter-7 (डाकिए की कहानी ,कंवरसिंह की जुबानी)

प्रश्न 1.
कँवरसिंह कौन है? उसके एक बेटे की मौत कैसे हुई?

उत्तर:
कॅवरसिंह भारतीय डाक सेवा में डाक सेवक है जो हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के नेरवा गाँव का निवासी है। उसकी उम्र पैंतालीस साल है। उसके चार बच्चे हैं-तीन लड़कियाँ और एक लड़का। दो लड़कियों की शादी हो चुकी है। उसका एक और बेटा था जो गाँव में एक पहाड़ी से लकड़ियाँ लाते हुए गिर गया जिससे उसकी मौत हो गई।

प्रश्न 2.
कँवरसिंह को डाकसेवक के रूप में कौन-कौन से काम करने होते हैं?

उत्तर:
चिट्ठियाँ, रजिस्ट्री पत्र, पार्सल, बिल, बूढ़े लोगों की पेंशन आदि छोड़ने कँवरसिंह को गाँव-गाँव जाना होता है।

प्रश्न 3.
गाँवों में डाकिए का बड़ा आदर और सम्मान किया जाता है। क्यों?

उत्तर:
क्योंकि वहाँ पर आज भी संदेश पहुँचाने का सबसे बड़ा ज़रिया डाक ही है। गाँव के लोग अपनी चिट्ठी आदि पाने के लिए डाकिए का इंतजार करते हैं।

प्रश्न 4.
आप कैसे कह सकते हैं कि कँवरसिंह को अपनी नौकरी बहुत अच्छी लगती है?

उत्तर:
कँवरसिंह को अपनी नौकरी बहुत अच्छी लगती है क्योंकि इस नौकरी की बदौलत उसे मनीआर्डर पहुँचाने पर, रिजल्ट या नियुक्ति पत्र पहुँचाने पर, पेंशन पहुँचाने पर लोगों का खुशी भरा चेहरा देखने को मिलता है।

प्रश्न 5.
पहाड़ी इलाकों में डाक पहुँचाने में केंवरसिंह को किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है?

उत्तर:
पहाड़ी इलाकों में ठंड बहुत पड़ती है। हिमाचल प्रदेश के कुछ जिले जैसे किन्नोर और लाहौल स्पीति में तो अप्रैल महीने में भी बर्फबारी हो जाती है। बर्फ में चलते हुए कँवरसिंह को अपने पैर ठंड से बचाने पड़ते हैं क्योंकि स्नोबाइट का डर रहता है। इन जिलों में उसे एक घर से दूसरे घर तक डाक पहुँचाने के लिए लगभग 26 किलोमीटर
रोजाना चलना पड़ता है।

प्रश्न 6.
कँवरसिंह को ‘बेस्ट पोस्टमैन’ की उपाधि क्यों और कब मिली?
उत्तर:
अपनी जान पर खेलकर डाक की चीजें बचाने के लिए भारत सरकार ने उसे ‘बेस्ट पोस्टमैन’ का इनाम दिया। यह इनाम उसे 2004 में मिला। इस इनाम में 500 रुपये और प्रशस्ति पत्र मिला।

एनसीईआरटी सोलूशन्स क्लास 5 रिमझिम पीडीएफ