NCERT Solutions Class 8 संसाधन एवं विकाश Chapter- 2 (भारत : कृषि एवं सिंचाई)

NCERT Solutions Class 8 संसाधन एवं विकाश Chapter- 2 (भारत : कृषि एवं सिंचाई)

NCERT Solutions Class 8  संसाधन एवं विकाश 8 वीं कक्षा से Chapter-2 ( भारत : कृषि एवं सिंचाई) के उत्तर मिलेंगे। यह अध्याय आपको मूल बातें सीखने में मदद करेगा और आपको इस अध्याय से अपनी परीक्षा में कम से कम एक प्रश्न की उम्मीद करनी चाहिए। हमने NCERT बोर्ड की टेक्सटबुक्स हिंदी संसाधन एवं विकाश केसभी Questions के जवाब बड़ी ही आसान भाषा में दिए हैं जिनको समझना और याद करना Students के लिए बहुत आसान रहेगा जिस से आप अपनी परीक्षा में अच्छे नंबर से पास हो सके।

Solutions Class 8 संसाधन एवं विकाश Chapter- 2 (भारत : कृषि एवं सिंचाई)

एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर

Class 8 संसाधन एवं विकाश

पाठ-2 ( भारत : कृषि एवं सिंचाई)

अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर 

पाठ-2 (भारत : कृषि एवं सिंचाई)

प्रश्न 1.

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

(क) निर्वाह कृषि और व्यापारिक कृषि में क्या अन्तर है?

उत्तर :

जो कृषि केवल अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए की जाती है, उसे निर्वाह कृषि कहा। जाता है और जिस कृषि का मुख्य उद्देश्य बाजार में फसल बेचना हो उसे व्यापारिक कृषि कहा जाता है। इसे फसल-विशिष्टीकरण भी कहते हैं।


(ख) चावल के उत्पादन के लिए किस प्रकार की जलवायु होनी चाहिए?

उत्तर :

चावल के उत्पादन के लिए मानसूनी जलवायु होनी चाहिए।


(ग) भारत के मुख्य कपास उत्पादक राज्यों के नाम लिखिए?

उत्तर :

भारत में कपास का उत्पादन महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, कर्नाटक, हरियाणा आदि राज्यों में होता है।


(घ) भारत में चकबंदी से क्या लाभ हुए हैं?

उत्तर :

चकबंदी से निम्न लाभ हुए हैं।

  1. किसानों की बिखरी जमीन एक स्थान पर हुई है।
  2. किसानों के समय की बचत होती है।
  3. किसान आसानी से बुआई, जुताई तथा सिंचाई कर लेते हैं।
  4. इससे पैदावार में वृद्धि हुई है।


(ङ) हरित क्रान्ति क्या है? इसके प्रभावों को लिखिए।

उत्तर :

वर्ष 1966-67 में हरित क्रान्ति के माध्यम से कृषि उत्पादन के क्षेत्र में क्रान्तिकारी परिवर्तन आया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उन्नत किस्म के बीज, खाद, सिंचाई तथा आधुनिक यंत्रों के उपयोग द्वारा कृषि उपज में तीव्र गति से वृद्धि करना था। इसे ही हरित क्रान्ति कहते हैं। भारत में डॉ०एम०एस० स्वामीनाथन को हरित क्रान्ति का जनक कहा जाता है।

  1. हरित क्रांति का प्रभाव- हरित क्रांति के प्रभाव स्वरूप अधिक उपज के लिए सुधरे हुए उन्नत बीजों का प्रयोग होने लगा।
  2. रासायनिक खादों जैसे- अमोनियम सल्फेट, यूरिया, सुपर फॉस्फेट, पोटैशियम सल्फेट, डाई-अमोनियम फॉस्फेट तथा पोटैशियम नाइट्रेट का विकास व उपयोग किया गया।
  3. जैविक खाद का उत्पादन बढ़ाना जैसे कंपोस्ट की खाद, हरी खाद (जिसमें सनई, हैचा को सड़ाया जाता है) नीम की खली की खाद इत्यादि।
  4. रासायनिक कीट नाशक दवाओं को प्रयोग करना।
  5. कृषि यंत्र जैसे ट्रैक्टर, थ्रेशर आदि का प्रयोग करना।
  6. फसलों की सिंचाई के लिए नलकूप, नहरों तथा तालाब आदि बनाने का कार्य किया गया।


प्रश्न 2.

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

उत्तर :

(क) कृषि कार्य में कृषि के साथ-साथ पशुपालन को शामिल किया जाता है।

(ख) गन्ना भारत की नकदी फसल है।

(ग) चावल के लिए अधिक गर्मी तथा अधिक पानी की आवश्यकता होती है।

(घ) खरीफ की फसलें वर्षा ऋतु के प्रारम्भ में बोई और शीत ऋतु के प्रारम्भ में काटी जाती हैं।

(ङ) भारत में सिंचाई का सबसे प्रचलित साधान नहर है।


प्रश्न 3.

निम्नलिखित के सही जोड़े बनाइए-

उत्तर :

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प्रश्न 4.

सही पर सही का चिह्न ✓ और गलत पर ✗ का चिह्न लगाइए-

उत्तर :

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भौगोलिक कुशलताएँ-

  • विद्यार्थी स्वयं करें।

परियोजना कार्य –

  • विद्यार्थी स्वयं करें।