NCERT Solutions Class 9 लोकतांत्रिक राजनीति- I Chapter-5 (संस्थाओं का कामकाज)

NCERT Solutions Class 9 लोकतांत्रिक राजनीति- I Chapter-5 (संस्थाओं का कामकाज)

NCERT Solutions Class 9 लोकतांत्रिक राजनीति- I  9 वीं कक्षा से Chapter-5 (संस्थाओं का कामकाज) के उत्तर मिलेंगे। यह अध्याय आपको मूल बातें सीखने में मदद करेगा और आपको इस अध्याय से अपनी परीक्षा में कम से कम एक प्रश्न की उम्मीद करनी चाहिए। 
हमने NCERT बोर्ड की टेक्सटबुक्स हिंदी लोकतांत्रिक राजनीति- I के सभी Questions के जवाब बड़ी ही आसान भाषा में दिए हैं जिनको समझना और याद करना Students के लिए बहुत आसान रहेगा जिस से आप अपनी परीक्षा में अच्छे नंबर से पास हो सके।
Solutions Class 9 लोकतांत्रिक राजनीति- I Chapter-5 (संस्थाओं का कामकाज)
एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर

Class 9 लोकतांत्रिक राजनीति- I

पाठ-5 (संस्थाओं का कामकाज)

अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर

पाठ-5 (संस्थाओं का कामकाज)

1. अगर आपको भारत का राष्ट्रपति चुना जाए तो आप निम्नलिखित में से कौन सा फैसला खुद कर सकते हैं?

(क) अपनी पसंद के व्यक्ति को प्रधानमंत्री चुन सकते हैं।

(ख) लोकसभा में बहुमत वाले प्रधानमंत्री को उसके पद से हटा सकते हैं।

(ग) दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक पर पुनर्विचार के लिए कह सकते(घ) मंत्रिपरिषद् में अपनी पसंद के नेताओं का चयन कर सकते हैं।

उत्तर- 

(ग) दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक पर पुनर्विचार के लिए कह सकते हैं।


2. निम्नलिखित में कौन राजनैतिक कार्यपालिका का हिस्सा होता है?

(क) जिलाधीश

(ख) गृह-मंत्रालय का सचिव

(ग) गृहमंत्री

(घ) पुलिस महानिदेशक

उत्तर- 

(ग) गृहमंत्री।


3. न्यायपालिका के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा बयान गलत है?

(क) संसद द्वारा पारित प्रत्येक कानून को सर्वोच्च न्यायालय की मंजूरी की ज़रूरत होती है।

(ख) अगर कोई कानून संविधान की भावना के खिलाफ़ है तो न्यायपालिका उसे अमान्य घोषित कर सकती है।

(ग) न्यायपालिका कार्यपालिका से स्वतंत्र होती है।

(घ) अगर किसी नागरिक के अधिकारों का हनन होता है तो वह अदालत में जा सकता है।

उत्तर- 

(क) संसद द्वारा पारित प्रत्येक कानून को सर्वोच्च न्यायालय की मंजूरी की ज़रूरत होती है।


4. निम्नलिखित राजनैतिक संस्थाओं में से कौन-सी संस्था देश के मौजूदा कानून में संशोधन कर सकती है?

(क) सर्वोच्च न्यायालय

(ख) राष्ट्रपति

(ग) प्रधानमंत्री

(घ) संसद

उत्तर- 

(घ) संसद


5. उस मंत्रालय की पहचान करें जिसने निम्नलिखित समाचार जारी किया होगा|

(क) देश से जूट का निर्यात बढ़ाने के लिए एक नई नीति बनाई जा रही है।(1) रक्षा मंत्रालय
(ख) ग्रामीण इलाकों में टेलीफोन सेवाएँ सुलभ करायी जाएंगी। (2) कृषि, खाद्यान्न और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय 
(ग) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बिकने वाले चावल और गेहूँ की कीमतें कम की जाएंगी। (3) स्वास्थ्य मंत्रालय 
(घ) पल्स पोलियो अभियान शुरू किया जाएगा। (4) वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय 
(ङ) ऊँची पहाड़ियों पर तैनात सैनिकों के भत्ते बढ़ाए जाएंगे। 

(5) संचार और सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्रालय

उत्तर- 

(क) देश से जूट का निर्यात बढ़ाने के लिए एक नई नीति बनाई जा रही है।(4) वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय
(ख) ग्रामीण इलाकों में टेलीफोन सेवाएँ सुलभ करायी जाएंगी। (5) संचार और सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्रालय
(ग) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बिकने वाले चावल और गेहूँ की कीमतें कम की जाएंगी। (2) कृषि, खाद्यान्न और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
(घ) पल्स पोलियो अभियान शुरू किया जाएगा। (3) स्वास्थ्य मंत्रालय
(ङ) ऊँची पहाड़ियों पर तैनात सैनिकों के भत्ते बढ़ाए जाएंगे। 

(1) रक्षा मंत्रालय


6. देश की विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में से उस राजनीतिक संस्था का नाम बताइए जो निम्नलिखित मामलों में अधिकारों का इस्तेमाल करती है।

(क) सड़क, सिंचाई जैसे बुनियादी ढाँचों के विकास और नागरिकों की विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों पर कितना पैसा खर्च किया जाएगा।

(ख) स्टॉक एक्सचेंज को नियमित करने संबंधी कानून बनाने की कमेटी के सुझाव पर विचार-विमर्श करती है।

(ग) दो राज्य सरकारों के बीच कानूनी विवाद पर निर्णय लेती है।

(घ) भूकंप पीड़ितों की राहत के प्रयासों के बारे में सूचना माँगती है।

उत्तर- 

(क) विधायिका

(ख) न्यायपालिका

(ग) न्यायपालिका

(घ) कार्यपालिका


7. भारत का प्रधानमंत्री सीधे जनता द्वारा क्यों नहीं चुना जाता? निम्नलिखित चार जवाबों में सबसे सही को चुनकर अपनी पसंद के पक्ष में कारण दीजिए:

(क) संसदीय लोकतंत्र में लोकसभा में बहुमत वाली पार्टी का नेता ही प्रधानमंत्री बन सकता है।

(ख) लोकसभा, प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद् का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उन्हें हटा सकती है।

(ग) चूँकि प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति नियुक्त करता है लिहाजा उसे जनता द्वारा चुने जाने की ज़रूरत ही नहीं है।

(घ) प्रधानमंत्री के सीधे चुनाव में बहुत ज्यादा खर्च आएगा।

उत्तर- 

संसदीय लोकतंत्र में लोकसभा में बहुमत दल का नेता ही प्रधानमंत्री बन सकता है। यह सुनिश्चित करना है कि प्रधानमंत्री बहुमत समर्थन हासिल करें। यह उन्हें एक कठपुतली या तानाशाह बनने से रोकता है क्योंकि उन्हें मंत्रियों की एक परिषद के साथ काम करना पड़ता है।


8. तीन दोस्त एक ऐसी फिल्म देखने गए जिसमें हीरो एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बनता है और राज्य में बहुत से बदलाव लाता है। इमरान ने कहा कि देश को इसी चीज़ की ज़रूरत है। रिज़वान ने कहा कि इस तरह का, बिना संस्थाओं वाला एक व्यक्ति का राज खतरनाक है।शंकर ने कहा कि यह तो एक कल्पना है। कोई भी मंत्री एक दिन में कुछ भी नहीं कर सकता। ऐसी फिल्मों के बारे में आपकी क्या राय है?

उत्तर- 

इस प्रकार की फिल्म का वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है। एक व्यक्ति का शासन सदैव खतरनाक होता है। शासन सिद्धांतों एवं नियमों के अनुसार ही चलाया जा सकता है। मुख्यमंत्री को अन्य मंत्रियों को साथ लेकर चलना होता है। मुख्यमंत्री विधानमंडल के प्रति उत्तरदायी है।


9. एक शिक्षिका छात्रों की संसद के आयोजन की तैयारी कर रही थी। उसने दो छात्राओं से अलग-अलग पार्टियों के नेताओं की भूमिका करने को कहा। उसने उन्हें विकल्प भी दिया। यदि वे चाहें तो राज्यसभा में बहुमत प्राप्त दल की नेता हो सकतीं थीं और अगर चाहें तो लोकसभा के बहुमत प्राप्त दल की। अगर आपको यह विकल्प दिया गया तो आप क्या चुनेंगे और क्यों?

उत्तर- 

मैं लोकसभा का नेता बनना पसंद करूंगा क्योंकि लोकसभा में बहुमत का नेता ही प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाता है। शासन की वास्तविक शक्तियाँ प्रधानमंत्री के पास हैं न कि राज्यसभा के बहुमत के नेता के पास।


10. आरक्षण पर आदेश का उदाहरण पढ़कर तीन विद्यार्थियों की न्यायपालिका की भूमिका पर अलग-अलग प्रतिक्रिया थी। इनमें से कौन-सी प्रतिक्रिया, न्यायपालिका की भूमिका को सही तरह से समझती है?

(क) श्रीनिवास का तर्क है कि चूँकि सर्वोच्च न्यायालय सरकार के साथ सहमत हो गई है लिहाजा वह स्वतंत्र नहीं है।

(ख) अंजैया का कहना है कि न्यायपालिका स्वतंत्र है क्योंकि वह सरकार के आदेश के खिलाफ़ फैसला सुना सकती थी। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को उसमें संशोधन का निर्देश दिया।

(ग) विजया का मानना है कि न्यायपालिका न तो स्वतंत्र है न ही किसी के अनुसार चलने वाली है बल्कि वह विरोधी समूहों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाती है।न्यायालय ने इस आदेश के समर्थकों और विरोधियों के बीच बढ़िया संतुलन बनाया। आपकी राय में कौन-सा विचार सबसे सही है?

उत्तर- 

मेरे विचार के अनुसार इन तीनों विवादों में से अंजैया का विचार सही है। न्यायपालिका स्वतंत्र है। सर्वोच्च न्यायालय सरकार के निर्णय को रद्द भी कर सकता है और उसे बदलने का आदेश भी दे सकता है। अतः सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को अपने आदेश में संशोधन करने का आदेश दिया।

एनसीईआरटी सोलूशन्स क्लास 9 लोकतांत्रिक राजनीति -। पीडीएफ