NCERT Solutions Class 2 रिमझिम Chapter-15 (एक्की-दोक्की)

NCERT Solutions Class 2 रिमझिम Chapter-15 (एक्की-दोक्की)

NCERT Solutions Class 2 रिमझिम 2 वीं कक्षा से Chapter-15 (एक्की-दोक्की) के उत्तर मिलेंगे। यह अध्याय आपको मूल बातें सीखने में मदद करेगा और आपको इस अध्याय से अपनी परीक्षा में कम से कम एक प्रश्न की उम्मीद करनी चाहिए। हमने NCERT बोर्ड की टेक्सटबुक्स हिंदी रिमझिम के सभी Questions के जवाब बड़ी ही आसान भाषा में दिए हैं जिनको समझना और याद करना Students के लिए बहुत आसान रहेगा जिस से आप अपनी परीक्षा में अच्छे नंबर से पास हो सके।
Solutions Class 2 रिमझिम Chapter-15 (एक्की-दोक्की)
एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर

Class 2 रिमझिम

Chapter-15 (एक्की-दोक्की)

अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर

Chapter-15 (एक्की-दोक्की)

कहानी का सारांश

एककेसवाली और दोनकेसवाली नामक दो बहनें थीं। दोनों अपनी अम्मा और बाबा के साथ एक छोटे-घर में रहती थीं। एककेसवाली के एक ही बाल था, इसलिए सब उसे एक्की कहकर बुलाते थे। दोनकेसवाली के दो बाल थे, इसलिए सब उसे दोक्की कहकर बुलाते थे। दोनकेसवाली बड़ी घमंडी थी। अम्मा दोनकेसवाली को दुनिया की सबसे सुंदर लड़की समझती थी। किंतु बाबा को इन चीजों के बारे में सोचने की फुरसत नहीं थी। दोक्की हमेशा अपनी बहन पर रौब जमाती रहती थी। एक दिन एक्की घने जंगल में गई। चलते-चलते वह घने जंगल के बीच जा पहुँची। चारों तरफ़ सन्नाटा था। अचानक उसने एक आवाज़ सुनी-पानी? मुझे प्यास लगी है। कोई पानी पिला दो। एक्की ने चारो तरफ़ घूमकर देखा, तो वहाँ कोई नहीं था। फिर उसने देखा कि एक सूखी हुई मुरझाई मेंहदी की एक झाड़ी के पत्ते फरफरा रहे थे। पास ही पानी की धारा बह रही थी। एक्की ने चुल्लू में पानी भरकर कई बार झाड़ी के ऊपर डाला। मेंहदी की झाड़ी ने एक्की को धन्यवाद दिया और कहा कि इस मदद को मैं हमेशा याद रखेंगी।

एक्की आगे बढ़ी तो उसने सन्नाटे में एक आवाज़ सुनी-मुझे भूख लगी है। कोई मुझे खाना खिला दो। एक्की ने देखा कि एक मरियल-सी गाय पेड़ से बँधी हुई थी। एक्की ने घास-फूस इकट्ठा करके गाय को खिलाया। उसके बाद उसने गाय के गले में बँधी रस्सी को खोल दिया। गाय ने एक्की को धन्यवाद दिया और कहा कि वह उसकी मदद को हमेशा याद रखेगी। कि एक्की आगे चलता बनी। वह चलते-चलते बहुत थक गई। तभी उसे दूर एक झोंपड़ी दिखाई दी। एक्की दौड़कर झोंपड़ी तक गई और आवाज़ लगाई-कोई है? एक बूढी अम्मा ने दरवाजा खोला और बोली-आ गई मेरी बच्ची? मैं तुम्हारी ही राह दे अंदर आ जाओ। एक्की को झोंपड़ी में आकर बहुत अच्छा लगा। तब बूढी अम्मा ने कहा–आओ बेटी, तुम्हारे लिए नहाने का पानी तैयार है। पहले अच्छी तरह से तेल लगाओ और उसके बाद नहा लो। फिर हम खाना खाएँगे। एक्की ने बूढी अम्मा की बात मान ली। फिर जैसे ही एक्की ने अपने सिर से तौलिया। हटाया, उसके सिर पर एक नहीं बहुत सारे बाल थे। एक्की की खुशी का ठिकाना न था। उसने बढी अम्मा को धन्यवाद किया। बूढ़ी अम्मा ने मुस्कराते हुए कहा-अब तुम घर जाओ बेटी और हमेशा खुश रहो

एक्की सरपट अपने घर की तरफ चल पड़ी। रास्ते में उसे गाय ने मीठा-मीठा दूध दिया तथा झाड़ी ने हाथों पर रचाने के लिए मेंहदी दी।

घर पहुँचकर एक्की ने जब सारी कहानी सुनाई तो दोक्की कहानी सुनते ही सीधे जंगल की तरफ भागी। भागती दोक्की को न तो प्यासी झाड़ी की पुकार सुनाई पड़ी और न ही भूखी गाय । वह धड़धड़ाती हुई झोंपड़ी में घुस गई और बूढी अम्मा को हुक्म दिया-मेरे नहाने के लिए पानी तैयार करो। हाँ, आओ मैं तुम्हारी ही राह देख रही थी। पानी तैयार है, नहा लो। बूढी अम्मा ने दोक्की से कहा। झटपट नहाने के बाद जैसे ही दोक्की ने तौलिया सिर से हटाया, उसकी चीख निकल गई। उसके बचे दो बाल भी झड़ गए थे। रोते-रोते दोक्की घर की तरफ़ चलने लगी। रास्ते में उसे गाय ने सींग मारा और मेंहदी की झाड़ी ने काँटे चुभो दिए। दोक्की को सबक मिल चुका था। इसके बाद एक्की-दोक्की अपने अम्मा-बाबा के साथ खुशी-खुशी रहने लगीं।

शब्दार्थ: रौब-दबदबा, धाक। चुल्लू कुछ लेने या नापने के लिए गहरी की हुई हथेली, अंजुली। सरपट-तेज़। रचा-बनाए।

प्रश्न-अभ्यास

कहानी से

प्रश्न 1
क्या बूढ़ी अम्मा पहले से जानती थी कि एक्की और दोक्की उनके घर आनेवाली हैं? तुम्हें कैसे पता चला?

उत्तर:
हाँ, बूढी अम्मा को पता था कि एक्की और दोक्की उनके घर आने वाली हैं। यह इस बात से जाहिर होता है कि अम्मा ने दोनों को कहा कि वह उनकी राह देख रही थी। अम्मा ने एक्की और दोक्की के लिए पूरे इंतजाम भी कर रखे थे।

प्रश्न 2
दोक्की का मेंहदी की झाड़ी और गाय पर ध्यान क्यों नहीं गया?

उत्तर:
दोक्की बड़ी तेजी से और अपनी ही धुन में अम्मा की झोंपड़ी की तरफ़ भाग रही थी, इसलिए उसका ध्यान मेंहदी की झाड़ी और गाय पर नहीं गया।

प्रश्न 3
एक्की ने झाड़ी और गाय की मदद कैसे की?

उत्तर:
एक्की ने अपने चुल्लू में पानी भरकर कई बार झाड़ी पर डाला और उसकी प्यास बुझाई। फिर उसने घास-फूस इकट्ठा किया और भूखी गाय को खिलाया। उसने गाय के गले में बँधी रस्सी
को भी खोल दिया।

मेहंदी

प्रश्न 4
मेंहदी की झाड़ी ने एक्की को लगाने को मेंहदी दी। मेंहदी की झाड़ी से लगाने के लिए मेंहदी कैसे तैयार की जाती है? पता करो और सही क्रम में लिखो।

उत्तर:
पहले मेंहदी की झाड़ी से उसके पत्ते तोड़ो। पत्ते तोड़ने के बाद उन्हें अच्छी तरह से धो लो। फिर उन पत्तों को पीसकर उसका पेस्ट तैयार करो।पेस्ट तैयार होने के बाद उसे अपने हाथों में अपने पसंद की डिजाइन के अनुसार लगा लो।

प्रश्न 5
मेंहदी जब रचाई जाती है तब उसका रंग गाढ़ा होता है और धीरे-धीरे फ़ीका पड़ता जाता है। किन-किन चीजों का रंग कुछ समय बाद फ़ीका हो जाता है?

उत्तर:
मेंहदी …………. “कमरे के दरवाजों पर किया गया रंग-रोगन
सूती कपड़े …….”कॉपी पर पेंसिल से लिखे गए अक्षर

प्रश्न 6
नीचे दी गई जगह में अपनी हथेली को रखो। अब इसके चारों ओर पेंसिल फिराओ। लो बन गया तुम्हारा हाथ। मेंहदी से जो डिज़ाइन तुम अपनी हथेली पर बनाना चाहते हो वह बनाओ।

उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

अपने मन से

प्रश्न 7
कहानी में दोनों बहनों के नाम उनके बालों की संख्या पर पड़ा। सोचकर खाली जगह में नाम लिखो।

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तुम्हारे वाक्य

प्रश्न 8
नीचे कुछ वाक्य लिखे हैं। हर वाक्य में एक मोटा शब्द छपा है। उनकी मदद से तुम अपने मन से सोचकर वाक्य बनाओ और कक्षा में बताओ।

  • जंगल में चारों तरफ़ सन्नाटा था। ।
  • बाबा को सोचने की फुर्सत ही कहाँ, काम में जो उलझे रहते थे।
  • वह सरपट घर की तरफ़ दौड़ चली।
  • मेंहदी की झाड़ी मुरझा गई थी।

उत्तर:

  • आधी रात के समय पूरी तरह से सन्नाटा छा जाता है।
  • कमल को परीक्षा के समय पढाई के अलावा किसी भी काम की फुर्सत नहीं रहती।
  • कुत्ते को देखते ही बिल्ली सरपट भागी।।
  • गरमी के दिनों में फूल जल्दी मुरझा जाते हैं।

नाम-काम

एक्की ने देखा कि एक मरियल-सी गाय पेड़ से बँधी हुई थी।
एक्की, गाय और पेड़ नामवाले शब्द हैं।
देखा और बँधी कामवाले शब्द हैं।

प्रश्न 9
कहानी में से ऐसे पाँच-पाँच शब्द और छाँटकर लिखो।

उत्तर:
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