NCERT Solutions Class 6 हमारे अतीत Chapter-12 (इमारतें, चित्र तथा किताबें)

NCERT Solutions Class 6 हमारे अतीत Chapter-12 (इमारतें, चित्र तथा किताबें)

NCERT Solutions Class 6  हमारे अतीत 6 वीं कक्षा से Chapter-12 (इमारतें, चित्र तथा किताबें) के उत्तर मिलेंगे। यह अध्याय आपको मूल बातें सीखने में मदद करेगा और आपको इस अध्याय से अपनी परीक्षा में कम से कम एक प्रश्न की उम्मीद करनी चाहिए। हमने NCERT बोर्ड की टेक्सटबुक्स हिंदी हमारे अतीत के सभी Questions के जवाब बड़ी ही आसान भाषा में दिए हैं जिनको समझना और याद करना Students के लिए बहुत आसान रहेगा जिस से आप अपनी परीक्षा में अच्छे नंबर से पास हो सके।
Solutions Class 6 हमारे अतीत Chapter-12 (इमारतें, चित्र तथा किताबें)
एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर

Class 6 हमारे अतीत

पाठ-12 (इमारतें, चित्र तथा किताबें)

अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर

पाठ-12 (इमारतें, चित्र तथा किताबें)

1. अध्याय 9 के पृष्ठ 91 पर दिए गए चित्र की तरह तुम भी मंदिरों तथा स्तूपों के निर्माण के दौरान आने वाले विभिन्न चरणों का चित्र बनाओ। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-126)

उत्तर- छात्र स्वयं करें।

2. क्या तुम्हें लगता है कि कालिदास को प्रकृतिप्रेमी कहा जा सकता है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-128)

उत्तर- हाँ, कालिदास को प्रकृतिप्रेमी कहा जा सकता है।

3. इस उपमहाद्वीप के विभिन्न भागों में महाभारत और रामायण के भिन्न-भिन्न रूपांतर लोकप्रिय हैं। इनके आधार पर नाटक, गीत और नृत्य परंपराएँ भी उभरीं। पता करो तुम्हारे राज्य में कौन-सा रूपांतर प्रचलित है। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-129)

उत्तर- छात्र स्वयं करें।

4. क्या तुम बता सकते हो कि इसमें कहानी का कौन-सा हिस्सा दिखाया गया है? यह हिस्सा क्यों चुना गया होगा? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-130)

उत्तर-इस कहानी के चित्र में राजा को अपनी प्रजा के साथ आमों का आनंद लेते दिखाया गया है। जिससे यह संदेश मिलता है कि राजा अपनी प्रजा के साथ मिल-जुलकर रहता था। इसलिए ही इस हिस्से को चुना गया है।

5. रोम के निवासी शून्य का प्रयोग किए बगैर गिनती करते थे। उसके बारे में और भी जानकारी हासिल करने की कोशिश करो। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-131)

उत्तर- छात्र स्वयं करें।

अन्यत्र (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-131)

कागज़ आज हमारे रोज़मर्रा की ज़िन्दगी का हिस्सा बन गया है। जो किताबें हम पढ़ते हैं वे कागज़ पर छपी होती हैं, उसी तरह लिखने के लिए भी हम कागज़ का ही उपयोग करते हैं। कागज का आविष्कार करीब 1900 साल पहले कोई लून नाम के व्यक्ति ने चीन में किया। उसने पौधों के रेशों, कपड़ों, रस्सियों और पेड़ की छालों को पीट-पीट कर लुगदी बनाकर उसे पानी में भिगो दिया। फिर उस लुगदी को दबाकर उसका पानी निचोड़ा और तब सुखा कर कागज़ बनाया। आज भी हाथ से कागज़ बनाने के लिए इसी विधि को अपनाया जाता है।

कागज बनाने की तकनीक को सदियों तक गुप्त रखा गया। करीब 1400 साल पहले यह कोरिया तक पहुँची। | इसके तुरंत बाद ही यह जापान तक फैल गई। करीब 1800 साल पहले यह बगदाद में पहुँची। फिर बगदाद से

यह यूरोप, अफ्रीका और एशिया के अन्य भागों में फैली। इस उपमहाद्वीप में भी कागज़ की जानकारी बगदाद से ही आई।

1. कागज का आविष्कार कब किसने और कहाँ किया था?

उत्तर- कागज का आविष्कार करीब 1900 साल पहले काई लुन नामक व्यक्ति ने चीन में किया था।

2. काई लून ने कागज किस विधि से तैयार किया था?

उत्तर- काई लून ने पौधों के रेशों, कपड़ों, रस्सियों और पेड़ की छालों को पीट-पीट कर लुगदी बनाकर उसे पानी में भिगो दिया, फिर उस लुगदी को दबाकर उसका पानी निचोड़ा और तब सुखी कर कागज बनाया। आज भी कागज बनाने के लिए इसी विधि को अपनाया जाता है।

3. प्राचीन भारत की पाण्डुलिपियाँ किस चीज पर तैयार की जाती थीं? ( संकेत : अध्याय 1)

उत्तर- प्राचीन भारत की पाण्डुलिपियाँ ताड़पत्रों अथवा हिमालय क्षेत्र में उगने वाले भूर्ज नामक पेड़ की छाल से विशेष तरीके से तैयार भोजपत्र पर लिखी जाती थीं। कल्पना करो। तुम एक मंदिर के मण्डप में बैठे हो। अपने चारों तरफ़ के दृश्य का वर्णन करो। उत्तर छात्र स्वयं करें।

प्रश्न-अभ्यास

पाठ्यपुस्तक से

आओ याद करें 

1. निम्नलिखित का सुमेल करो।

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उत्तर-

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2. खाली जगहों को भरो :

(क)  ……………………… एक बड़े गणतिज्ञ थे।

(ख) . ……………………… में देवी-देवताओं की कहानियाँ मिलती हैं।

(ग) …………………….. को संस्कृत रामायण का लेखक माना जाता है।

(घ)  ……………………… और ……………………… दो तमिल महाकाव्य हैं।

उत्तर-

(क) आर्यभट्ट

(ख) पुराणों

(ग) वाल्मीकी

(घ) सिलप्पदिकारम, मणिमेखलई। आओ चर्चा करें

3. धातुओं के प्रयोग पर जिन अध्यायों में चर्चा हुई है, उनकी सूची बनाओ। धातु से बनी किन-किन चीजों के बारे में चर्चा हुई है या उन्हें दिखाया गया है?

उत्तर-

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4. पृष्ठ 130 पर लिखी कहानी को पढ़ो। जिन राजाओं के बारे में तुमने अध्याय 6 और 11 में पढ़ा है। उनसे यह बंदर राजा कैसे भिन्न या समान था?

उत्तर-पृष्ठ 130 पर बंदर राजा की कहानी अध्याय 6 और 11 में दिए गए राजाओं की तरह है। बंदर राजा भी अन्य

शासकों की तरह एक विशाल सेना रखता था। वह स्वयं बुद्धिमान, कूटनीतिज्ञ और बहादुर था। वह सही समय पर उचित निर्णय लेने में समर्थ था, जब उसने देखा कि मानव राजा उसके समुदाय को मार डालना चाहता है तो बंदरों के राजा ने अपनी प्रजा को बचाने की एक योजना बनाई। उसने आम के पेड़ की टहनियों को तोड़कर उन्हें आपस में बाँधकर नदी पर एक पुल बनाया। इसके एक छोर को वह तब तक पकड़े रहा जब तक उसकी सारी प्रजा ने नदी को पार न कर लिया। वह एक महान राजा था, लेकिन किसी भी रूप से यह मानव राजा से अलग नहीं था।

5. और भी जानकारी इकट्ठी कर किसी महाकाव्य से एक कहानी सुनाओ।

उत्तर-

हमारे महाकाव्य में बहुत सारी कहानियाँ हैं, जो हमें प्रभावित करती हैं। वे कहानियाँ आदर्श जीवन के लिए हमारा मार्गदर्शन करती हैं और हमें शिक्षा देती हैं। ऐसे ही महाकाव्य महाभारत और रामायण हैं। ऐसी ही एक कहानी महाभारत महाकाव्य में है, इसमें कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध की कहानी है। दोनों ही पक्ष युद्ध जीतने के लिए अपने-अपने नाते-रिश्तेदारों और अन्य राजाओं को अपने साथ मिलाना चाहते थे। श्रीकृष्ण महान शक्तिशाली और भगवान की शक्तियाँ रखता था। वह दोनों ही पक्षों से संबंधित था। इसलिए दुर्योधन जो कौरवों में सबसे बड़े थे। सहायता माँगने के लिए पहुँचे। ठीक उसी दिन पांडवों में से एक अर्जुन भी सहायता माँगने के लिए कृष्ण के पास पहुँचे। श्रीकृष्ण उस समय सोये हुए थे, दुर्योधन घमंडी था, इसलिए वह श्रीकृष्ण के सिर की तरफ बैठ गया। अर्जुन दुर्योधन के बाद पहुँचे और वह विनम्र भी थे इसलिए पैर की दिशा में बैठ गए। श्रीकृष्ण ने पहले ही घोषणा कर रखी थी कि जो भी मेरे पास पहले सहायता माँगने आएगा मैं उसका साथ दूंगा। श्रीकृष्णजी जैसे ही नींद से जागे उन्होंने अर्जुन को देखा। उन्होंने कहा कि वह अर्जुन का साथ देंगे। दुर्योधन ने इसका विरोध किया और कहा कि मैं पहले सहायता माँगने आया हूँ। कृष्ण ने कहा कि अगर हम किसी से भी कुछ प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए हमें विनम्र होना पड़ेगा। इस प्रकार दुर्योधन ने श्रीकृष्ण के साथ को खो दिया। इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि हम जिससे सहायता की अपेक्षा करते हैं उनके साथ उदंडता का व्यवहार नहीं करना चाहिए।

आओ करके देखें

6. इमारतों तथा स्मारकों को अन्य प्रकार से सक्षम व्यक्तियों (विकलांग) के लिए और अधिक प्रवेश योग्य कैसे बनाया जाए? इसके लिए सुझावों की एक सूची बनाओ।

उत्तर- इमारतों तथा स्मारकों में ढलान वाले प्रवेश द्वार की सुविधा होनी चाहिए।

  • इमारतों तथा स्मारकों में ढलान वाले प्रवेश द्वार के साथ रेलिंग की सुविधा होनी चाहिए ताकि पहिए | वाली कुर्सी का आसानी से प्रयोग किया जा सके।
  • इस तरह के व्यक्तियों के लिए उचित रोशनी का प्रबंध होना चाहिए तथा खाली स्थान से अलग प्रवेश द्वार की व्यवस्था होनी चाहिए। |

7. कागज़ के अधिक से अधिक उपयोगों की एक सूची बनाओ।

उत्तर- कागज बहुत महत्त्वपूर्ण है। इसका प्रयोग विभिन्न रूपों में किया जाता है। इसके कुछ प्रयोग नीचे दिए गए हैं

  • हम जो किताब पढ़ते हैं वह कागज पर ही छपी होती है।
  • हम लिखने के लिए भी कागज का प्रयोग करते हैं।
  • वस्तुओं के पैकिट बनाने के लिए भी कागज का प्रयोग होता है। |
  • खेल का सामान जैसे कि बनाने में भी कागज का प्रयोग होता है।
  • कृत्रिम गुलदस्ता बनाने में भी कागज का प्रयोग होता है।

8. इस अध्याय में बताए गए स्थानों में से तुम्हें किसी एक को देखने का मौका मिले तो किसे चुनोगे और क्यों?

उत्तर : मैं महरौली (दिल्ली) को देखना पसन्द करूंगा, मैं वहाँ लौह स्तंभ देख सकेंगा। यह भारतीय शिल्पकारों की कुशलता का एक अद्भुत उदाहरण है। आश्चर्य की बात यह है इतने दिनों के बाद भी इसमें जंग नहीं लगा। इसी परिसर में कुतुबमीनार वास्तव में एक महान स्मारक है। मैं महरौली में एक मनोहर स्मारक देख सकेंगा।

एनसीईआरटी सोलूशन्स क्लास 6 हमारे अतीत पीडीएफ