NCERT Solutions Class 7 सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन Chapter-5 (औरतों ने बदली दुनिया)

NCERT Solutions Class 7 सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन Chapter-5 (औरतों ने बदली दुनिया)

NCERT Solutions Class 7  सामाजिक एवं राजनीतिक 7 वीं कक्षा से Chapter-5 (औरतों ने बदली दुनिया) के उत्तर मिलेंगे। यह अध्याय आपको मूल बातें सीखने में मदद करेगा और आपको इस अध्याय से अपनी परीक्षा में कम से कम एक प्रश्न की उम्मीद करनी चाहिए। हमने NCERT बोर्ड की टेक्सटबुक्स हिंदी सामाजिक एवं राजनीतिक के सभी Questions के जवाब बड़ी ही आसान भाषा में दिए हैं जिनको समझना और याद करना Students के लिए बहुत आसान रहेगा जिस से आप अपनी परीक्षा में अच्छे नंबर से पास हो सके।
Solutions Class 7 सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन Chapter-5 (औरतों ने बदली दुनिया)
एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर

Class 7 सामाजिक एवं राजनीतिक

पाठ-5 (औरतों ने बदली दुनिया)

अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर

पाठ-5 (औरतों ने बदली दुनिया)

पाठ के बीच में पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1 – किस प्रकार के व्यवसायों में स्त्रियों की अपेक्षा पुरुषों के चित्र अधिक है ?

उत्तर:- किसान, मिल मजदूर,  वैज्ञानिक, पायलट, पुलिस,  रेलवे और बस कर्मचारी जैसे व्यावसायों में स्त्रियों की अपेक्षा पुरुषों के चित्र अधिक है। क्योंकि पहले वाले समय में ये सारी अपेक्षाएं पुरुषों से ही रखी जाती थी। महिलाओं को आगे पढ़ने के लिए किसी प्रकार की नौकरी के लिए कोई सहयोग नहीं मिलता था।

प्रश्न 2 – क्या सब ने नर्स के लिए महिला का ही चित्र बनाया है ? क्यों ?

उत्तर:-नर्स के लिए महिला का चित्र इसलिए बनाया है क्योंकि स्त्रियां अधिक सहनशील और विनम्र होती है। इसे परिवार में स्त्रियों की भूमिका के साथ मिलाकर देखा जाता है। स्त्रियां प्यार, परवाह और ममता का प्रतीक होती है। और यही व्यवहार अस्पताल में मरीजों के साथ होना चाहिए।

प्रश्न 3 – क्या महिला किसानों के चित्र तुलनात्मक रूप से कम है ? यदि हैं, तो क्यों ?

उत्तर:-वैसे तो माहिलाएं भी खेतों में काम करती है जैसे:- पौधे रोपना, खरपतवार निकालना, फसल काटना और कुटाई करना शामिल है। लेकिन खेती में इससे ज्यादा कठिन काम होते है जैसे :- हल चलाना, बोझा ढोना,  कुदाल चलाना इत्यादि और हर महिला का शरीर इतना कट्टर नहीं होता कि वह पुरुष के मुकाबले हर काम कर सके। महिलाएं काम तो करती ही है लेकिन फिर भी एक किसान के रूप में पुरुष का ही नाम लिया जाता है। इसीलिए महिला किसानों के चित्र तुलनात्मक रूप से कम है।

प्रश्न 4 – अपनी कक्षा में किए गए अभ्यास की तुलना रोजी मैडम की कक्षा के अभ्यास से करिए।

वर्गपुरुष चित्रमहिला चित्र
शिक्षक 0525 
किसान 30 0
मिल मजदूर 25 05 
नर्स 30 
वैज्ञानिक 2505 
पायलट 27 03 

उत्तर:-  रोजी मैडम द्वारा किया गया अभ्यास:-

हमारी कक्षा द्वारा किया गया अभ्यास:-

वर्गपुरुष चित्रमहिला चित्र
शिक्षक 1030 
किसान 2510
मिल मजदूर 22 05 
नर्स 20 
वैज्ञानिक 1203 
पायलट 15 04 

प्रश्न 5 – नीचे दी गई कहानी को पढ़िए और उसके बाद दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

(क) यदि आप ज़ेवियर होते, तो कौन – से विषय चुनते ?

उत्तर:-  यदि मैं ज़ेवियर होता तो मैं भी वही विषय चुनता जिसमें मेरी रूचि हो जैसे :- गणित, कंप्यूटर।

(ख) अपने अनुभव के आधार पर बताइए कि लड़कों को ऐसे किन – किन दबावों का सामना करना पड़ता है ?

उत्तर:-  लड़को के भविष्य के बारे में माँ बाप को बहुत चिंता होती है, इसलिए वे कई बार इस बात के लिए दबाव ढालते है कि तुम्हें ये विषय लेना है इसी में तुम्हारा भविष्य हैं। उन्हें ये भी कहा जाता है कि तुम्हें कक्षा में हमेशा अच्छे अंक लेने है। अगर कुछ समझ ना आए तो ट्यूशन के लिए भी कहते है।

प्रश्न 6 – उच्च प्राथमिक स्तर पर कितने बच्चें स्कूल छोड़ देते है ?

उत्तर:-   नीचे दी गई तालिका में विभिन्न लड़को व लड़कियों का प्रतिशत दिखाया गया है जो बीच में ही विद्यालय छोड़ देते थे। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लड़के लड़कियां इनमें शामिल हैं जिन्हें या तो पढ़ने का या ज्यादा पढ़ने का मौका नहीं मिलता था।

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प्रश्न 7 – शिक्षा के किस स्तर पर आपको  सर्वाधिक बच्चे स्कूल छोड़ते हुए दिखाई देते हैं ?

उत्तर:-  शिक्षा के माध्यमिक स्तर पर हमें सर्वाधिक बच्चे स्कूल छोडते हुए दिख रहे है।

प्रश्न 8 – आपके विचार में अन्य सभी वर्गों की तुलना में, आदिवासी लड़के – लड़कियों की विद्यालय छोड़ने की दर अधिक  क्यों है ?

उत्तर:-  आदिवासी वर्ग के बच्चों के स्कूल छोड़ देने के अनेक कारण हैं। देश के अनेक भागों में विशेषकर ग्रामीण और गरीब क्षेत्रों में नियमित रूप से पढ़ाने के लिए न उचित स्कूल हैं, न ही शिक्षक। यदि विद्यालय घर के पास न हो और लाने – ले जाने के लिए किसी साधन जैसे बस या वैन आदि की व्यवस्था न हो तो अभिभावक लड़कियों को स्कूल नहीं भेजना चाहते। कुछ परिवार अत्यंत निर्धन होते हैं और अपने सब बच्चों को पढ़ाने का खर्चा नहीं उठा पाते हैं। ऐसी स्थिति में लड़कों को प्राथमिकता मिल सकती है। बहुत – से बच्चे इसलिए भी स्कूल छोड़ देते हैं क्योंकि उनके साथ उनके शिक्षक और सहपाठी भेदभाव करते हैं।

अभ्यास :- प्रश्न उत्तर

प्रश्न 1 – आपके विचार से महिलाओं के बारे में प्रचलित रूढ़िवादी धारणा कि वे क्या कर सकती है और क्या नहीं, उनके समानता के अधिकार को कैसे प्रभावित करती है ?

उत्तर:- महिलाओं के बारे में प्रचलित रूढ़िवादी धारणाएँ है कि वे एक अच्छी नर्स बन सकती हैं या ये वैज्ञानिक नहीं बन सकती है, क्योंकि इसके लिए तकनीकी दिमाग की जरूरत होती और महिलाएं और लडकियां तकनीकी कार्यों में सक्षम नहीं होती। ये सब विचार महिलाओं के समानता के अधिकार को अवश्य ही प्रभावित करती हैं। ऐसे में कई महिलाएँ उन जगहों में जाने से पहले ही डर जाती है जहाँ महिलाओं को जाने के लिए रोका जाता है। क्योंकि उनके किसी चीज़ में भाग लेने से पहले ही उनके हौसलों को तोड़ दिया जाता है।

प्रश्न 2 – कोई एक कारण बताइए जिसकी वजह से राससुंदरी देवी, रमाबाई और रुकैया हुसैन के लिए, अथर ज्ञान इतना महत्त्वपूर्ण था ।

उत्तर:- राससुंदरी देवी, रमाबाई और रूकैया हुसैन के लिए अक्षर ज्ञान निम्नलिखित कारणों  से महत्त्वपूर्ण था क्योंकि तत्कालीन समाज में लड़कियों को अक्षर ज्ञान प्राप्त करने की अनुमति नहीं थी। वे ऐसा करके लड़कियों के अक्षर ज्ञान के महत्त्व को समाज के सामने लाना चाहती थीं। उस समय यह माना जाता था कि पत्नी का अक्षर ज्ञान पति के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। वे इस धारणा को गलत साबित करना चाहती थीं ।

प्रश्न 3 – “ निर्धन बालिकाएँ पढ़ाई बीच में ही छोड़ देती है क्योंकि शिक्षा में उनकी रूचि नहीं है। पृष्ठ 17 पर दिए गए अनुच्छेद को पढ़ कर, स्पष्ट कीजिए कि यह कथन सही क्यों नहीं है।

उत्तर:- यह कथन कहा गया है कि निर्धन बालिकाएँ पढ़ाई बीच में ही छोड़ देती हैं, क्योंकि शिक्षा में उनकी रुचि नहीं है, ऐसा बिल्क़ुल नहीं है। इसके कई कारण हैं। जैसे :- ग्रामीण क्षेत्रों में न तो पर्याप्त मात्रा में स्कूल हैं और न ही यहाँ पर्याप्त मात्रा में शिक्षक हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कई परिवार बहुत गरीब हैं। ये परिवार धन के अभाव के कारण अपनी लड़कियों को विद्यालय नहीं भेज पाते। अनेक गांवो में स्कूल दूर होता था इसलिए माँ बाप लड़कियों को पैदल भेजना सही नहीं मानते थे।

प्रश्न 4 – क्या आप महिला आंदोलन द्वारा व्यवहार में लाए जाने वाले संघर्ष के दो तरीकों के बारे में बता सकते है। महिलाएं क्या कर सकती है और क्या नहीं, इस विषय पर आपको रूढ़ियों के विरुद संघर्ष करना पड़े, तो आप पर हुए तरीकों में से कौन – से तरीकों का उपयोग करेंगे ? आप इसी विशेष तरीके का उपयोग क्यों करेंगे ?

उत्तर:-  महिला आंदोलन द्वारा व्यवहार में लाए गए संघर्ष के कई तरीके हैं जिसमें से निम्नलिखित है:-

  1. जागरूकता अभियान – यह महिला आंदोलन का सुनियोजित ढंग से अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए संघर्ष करने का एक तरीका है। इस तरीके के चलते 1997 में सर्वोच्च न्यायालय ने कार्य के स्थान पर तथा शिक्षण संस्थाओं में महिलाओं की यौन प्रताड़ना से सुरक्षा के लिए आवश्यक दिशा – निर्देश जारी किए थे।
  2. विरोध प्रदर्शन – यह सरकार की किसी अप्रिय नीति के विरुद्ध लोगों के संघर्ष का तरीका है। जैसे:-  महिलाओं द्वारा पदों के आरक्षण के लिए संघर्ष करना और इसके लिए विरोध प्रदर्शन करना। यदि हमें रूढ़ियों के विरुद्ध संघर्ष करना पड़े, तो हम प्रचार अभियान का सहारा लेंगे। और लोगों को इस विषय में जागरूक करेंगे कि महिलाएँ वे सभी कार्य कर सकती है, जो पुरुष करते हैं।