NCERT Solutions Class 9 क्षितिज Chapter-8 (हजारीप्रसाद द्विवेदी - एक कुत्ता और एक मैना)

NCERT Solutions Class 9 क्षितिज Chapter-8 (हजारीप्रसाद द्विवेदी - एक कुत्ता और एक मैना)

NCERT Solutions Class 9 क्षितिज 9 वीं कक्षा से Chapter-8 (हजारीप्रसाद द्विवेदी - एक कुत्ता और एक मैना) के उत्तर मिलेंगे। यह अध्याय आपको मूल बातें सीखने में मदद करेगा और आपको इस अध्याय से अपनी परीक्षा में कम से कम एक प्रश्न की उम्मीद करनी चाहिए। 
हमने NCERT बोर्ड की टेक्सटबुक्स हिंदी क्षितिज के सभी Questions के जवाब बड़ी ही आसान भाषा में दिए हैं जिनको समझना और याद करना Students के लिए बहुत आसान रहेगा जिस से आप अपनी परीक्षा में अच्छे नंबर से पास हो सके।
Solutions Class 9 क्षितिज Chapter-8 (हजारीप्रसाद द्विवेदी - एक कुत्ता और एक मैना)
एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर

Class 9 क्षितिज

पाठ-8 (हजारीप्रसाद द्विवेदी - एक कुत्ता और एक मैना)

अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर

पाठ-8 (हजारीप्रसाद द्विवेदी - एक कुत्ता और एक मैना)

प्रश्न 1.

गुरुदेव ने शांतिनिकेतन को छोड़ कहीं और रहने का मन क्यों बनाया?

उत्तर

गुरुदेव अस्वस्थ थे। उन्हें एकांत और आराम की आवश्यकता थी। शांति निकेतन में दिन-भर आने-जाने वालों का ताँता लगा रहता था। इसलिए उन्होंने तय किया कि वे श्रीनिकेतन के अपने पुराने तिमंजले मकान में निवास करेंगे।


प्रश्न 2.

मूक प्राणी मनुष्य से कम संवेदनशील नहीं होते। पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

‘एक कुत्ता और एक मैना’ निबंध में कुत्ते का संस्मरण पढ़ने से ज्ञात होता है कि मूक प्राणी भी बहुत संवेदनशील होते हैं। वह स्वामिभक्त कुत्ता गुरुदेव का सान्निध्य पाने के लिए दो मील का अनजान रास्ता तय करके गुरुदेव के पास श्री निकेतन आ गया और गुरुदेव का प्यार भर स्पर्श पाकर आनंदित हो उठा। इसी तरह गुरुदेव की मृत्यु पर वह चिताभस्म लाने वाले के साथ-साथ चलता हुआ उत्तरायण तक आया और चिताभस्म के पास बड़ी देर तक शांत भाव से बैठा रहा।


प्रश्न 3.

गुरुदेव द्वारा मैना को लक्ष्य करके लिखी कविता के मर्म को लेखक कब समझ पाया?

उत्तर

गुरुदेव द्वारा मैना को लक्ष्य करके लिखी गई कविता के मर्म को लेखक तब समझ पाया, जब उसने मैना के मुख के भावों पर ध्यान केंद्रित किया। उसके सामने मैना की करुण छवि साकार हो उठी। पहले उसने उसके करुण भावों पर ध्यान नहीं दिया था। परंतु कविता पढ़ने के बाद ध्यान दिया तो उसे कविता का मर्म भी समझ में आ गया।


प्रश्न 4.

प्रस्तुत पाठ एक निबंध है। निबंध गद्य-साहित्य की उत्कृष्ट विधा है, जिसमें लेखक अपने भावों और विचारों को कलात्मक और लालित्यपूर्ण शैली में अभिव्यक्त करता है। इस निबंध में उपर्युक्त विशेषताएँ कहाँ झलकती हैं? किन्हीं चार का उल्लेख कीजिए।

उत्तर

‘एक कुत्ता और एक मैना’ निबंध में लेखक ने अपने भावों-विचारों को कलात्मक और लालित्यपूर्ण शैली में जिन स्थलों पर अभिव्यक्त किया है, वे स्थल हैं-

  1. अपने मकान में मैना दंपत्ति के क्रियाकलापों में, जैसे-एक मैना दंपत्ति नियमित भाव से प्रतिवर्ष यहाँ गृहस्थी जमाया करते हैं, तिनके और चीथड़ों का अंबार लगा देते हैं।
  2. पत्नी- ये लोग यहाँ कैसे आ गए जी? पति- उँह बेचारे आ गए हैं तो रह जाने दो। क्या कर लेंगे! पत्नी- लेकिन फिर भी इनको इतना तो खयाल होना चाहिए कि यह हमारा प्राइवेट घर है।
  3. एक लँगड़ी मैना को फुदकते देखकर-“देखते हो, यह यूथभ्रष्ट है, रोज़फुदकती है, ठीक यहीं आकर।”
  4. शायद यह विधुर पति था जो पिछली स्वयंवर सभा के युद्ध में आहत और परास्त हो गया था या विधवा पत्नी है। जो पिछले बिड़ाल के आक्रमण के समय पति को खोकर युद्ध में ईषत् चोट खाकर एकांत विहार कर रही है।

प्रश्न 5.

आशय स्पष्ट कीजिए-

इस प्रकार कवि की मर्मभेदी दृष्टि ने इस भाषाहीन प्राणी की करुण दृष्टि के भीतर उस विशाल मानव-सत्य को देखा है, जो मनुष्य, मनुष्य के अंदर भी नहीं देख पाता।

उत्तर

रवींद्रनाथ ठाकुर कवि थे। उन्हें मर्मभेदी दृष्टि प्राप्त थी। इसी के बल पर वे कुत्ते जैसे भाषाहीन राणी के भीतर छिपे ‘पूर्ण समर्पण’ को देख पाए। उन्होंने देखा कि कुत्ता उन पर विश्वास रखता है, उन्हें चेतन शक्ति मानकर पूरे प्राणपण से उन पर न्योछावर हो सकता है। इस प्रकार रवींद्रनाथ ने कुत्ते के भीतर उस मानवीय अनुभूति को देख लिया जो कि प्राय: मनुष्य एक मनुष्य के भीतर भी नहीं देख पाता।

रचना और अभिव्यक्ति


प्रश्न 6.

पशु-पक्षियों से प्रेम इस पाठ की मूल संवेदना है। अपने अनुभव के आधार पर ऐसे किसी प्रसंग से जुड़ी रोचक घटना को कलात्मक शैली में लिखिए।

उत्तर

छात्र पशु-पक्षियों से जुड़े किसी प्रसंग या घटना को कलात्मक शैली में स्वयं लिखें।

भाषा-अध्ययन


प्रश्न 7.

  1. गुरुदेव ज़रा मुसकरा दिए।
  2. मैं जब यह कविता पढ़ता हूँ।

ऊपर दिए गए वाक्यों में एक वाक्य में अकर्मक क्रिया है और दूसरे में सकर्मक। इस पाठ को ध्यान से पढ़कर सकर्मक और अकर्मक क्रिया वाले चार-चार वाक्य छाँटिए।

उत्तर

अकर्मक वाक्य

  1. अधिकांश लोग बाहर चले गए थे।
  2. गुरुदेव जरा मुसकुरा देते थे।
  3. वे सबसे ऊपर के तल्ले में रहने लगे।
  4. गुरुदेव वहाँ बड़े आनंद में थे।

सकर्मक वाक्य

  1. एक दिन हमने सपरिवार उनके दर्शन की ठानी।।
  2. हम लोग उस कुत्ते के आनंद को देखने लगे।
  3. आँखें मूंदकर अपने रोम-रोम से उस स्नेह-रस का अनुभव करने लगा।
  4. देखो, कितनी परितृप्ति इनके चेहरे पर दिखाई दे रही है।


प्रश्न 8.

निम्नलिखित वाक्यों में कर्म के आधार पर क्रिया-भेद बताइए-

(क) मीना कहानी सुनाती है।

(ख) अभिनव सो रहा है।

(ग) गाय घास खाती है।

(घ) मोहन ने भाई को गेंद दी।

(ङ) लड़कियाँ रोने लगीं।

उत्तर

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प्रश्न 9.

नीचे पाठ में से शब्द-युग्मों के कुछ उदाहरण दिए गए हैं; जैसे-

समय-असमय, अवस्था-अनवस्था

इन शब्दों में ‘अ’ उपसर्ग लगाकर नया शब्द बनाया गया है।

पाठ में से कुछ शब्द चुनिए और उनमें ‘अ’ एवं ‘अन्’ उपसर्ग लगाकर नए शब्द बनाइए।

उत्तर

‘अ’ और ‘अन्’ उपसर्ग से बने शब्द-

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पाठेतर सक्रियता


प्रश्न 10.

पशु-पक्षियों पर लिखी कविताओं का संग्रह करें और उनके चित्रों के साथ उन्हें प्रदर्शित करें।

उत्तर

छात्र कविताओं का संग्रह स्वयं करें और चित्र के साथ उन्हें प्रदर्शित करें।


प्रश्न 11.

हज़ारीप्रसाद द्विवेदी के कुछ अन्य मर्मस्पर्शी निबंध जैसे-‘अशोक के फूल’ और ‘नाखून क्यों बढ़ते हैं’ पढ़िए।

उत्तर

छात्र पुस्तकालय से पुस्तकें लें और इन निबंधों को पढ़ें।

अन्य पाठेतर हल प्रश्न

लघु उत्तरीय प्रश्न


प्रश्न 1.

गुरुदेव को श्रीनिकेतन के पुराने आवास में ले जाने में परेशानी क्यों हो रही थी?

उत्तर

गुरुदेव को श्रीनिकेतन के पुराने आवास में ले जाने में इसलिए परेशानी हो रही थी क्योंकि-

  • गुरुदेव वृद्ध थे। उनका शरीर कमज़ोर हो चुका था।
  • उन्होंने तीसरी मंजिल पर अपना आवास बनाने का निर्णय लिया था।
  • लोहे की चक्करदार सीढ़ियों से उन्हें ले जाना आसान न था।
  • गुरुदेव अपने आप चल-फिर नहीं सकते थे।


प्रश्न 2.

गुरुदेव कैसे दर्शनार्थियों से डरते थे और क्यों ?

उत्तर

गुरुदेव उन दर्शनार्थियों से डरते थे जो समय-असमय, स्थान आदि का ध्यान रखे बिना गुरुदेव से मिलने आ जाते थे और देर तक वह गुरुदेव से बातें किया करते थे। उनकी इस धृष्टता से गुरुदेव को कितनी परेशानी होती थी इसकी उन्हें चिंता नहीं रहती थी।


प्रश्न 3.

गुरुदेव को शांतिनिकेतन की तुलना में श्रीनिकेतन किस तरह सुविधाजनक लगा?

उत्तर

गुरुदेव को शांतिनिकेतन की अपेक्षा श्रीनिकेतन कई तरह से सुविधाजनक लगा; जैसे-

  • श्रीनिकेतन का वातावरण अधिक शांतिमय था।
  • श्रीनिकेतन में गुरुदेव से मिलने वालों की भीड़ नहीं होती थी।
  • श्रीनिकेतन में वे अकेले रहते थे।
  • यहाँ उन्हें अधिक सुखानुभूति होती थी।


प्रश्न 4.

अचानक कुत्ते के आ जाने से गुरुदेव को कैसा लगा और क्यों?

उत्तर

श्रीनिकेतन में अचानक कुत्ते के आ जाने से गुरुदेव को बड़ा आश्चर्य हुआ क्योंकि उसे श्रीनिकेतन के दो मील लंबे रास्ते का पता न था, न उसे किसी ने बताया था कि गुरुदेव यहाँ हैं। वह आत्मज्ञान से आया था।


प्रश्न 5.

कुत्ता गुरुदेव के पास क्यों आ गया? गुरुदेव का सान्निध्य उसे कैसा लगता था?

उत्तर

कुत्ता अत्यंत स्वामिभक्त था। वह गुरुदेव से असीम लगाव रखता था। वह गुरुदेव का प्यार भरा स्पर्श पाने के लिए उनके पास गया था। जब गुरुदेव ने कुत्ते की पीठ पर हाथ फेरा तो वह आँखें बंदकर रोम-रोम से स्नेह रस का अनुभव करने लगा। गुरुदेव के सान्निध्य की परितृप्ति उसके चेहरे पर झलकने लगी।


प्रश्न 6.

आरोग्य में लिखी कविता में गुरुदेव ने कुत्ते की किस अद्भुत विशेषता की ओर ध्यान आकर्षित कराया है?

उत्तर

आरोग्य में लिखी कविता में गुरुदेव ने कुत्ते की अद्भुत विशेषता के बारे में लिखा है कि इस वाक्यहीन प्राणिलोक में यही अकेला जीव अच्छा-बुरा सबको भेदकर संपूर्ण मनुष्य को देख सकता है। यह उस आनंद को देख सका है जिसे प्राण दिया जा सकता है, जिसमें अहैतुक प्रेम ढाल दिया जा सकता है, जिसकी चेतना असीम चैतन्य लोक में राह दिखा सकती है।


प्रश्न 7.

गुरुदेव द्वारा लिखी कविता पढ़कर लेखक के सामने कौन-सी घटना साकार हो उठती है?

उत्तर

गुरुदेव द्वारा लिखी कविता पढ़कर लेखक के सामने श्री निकेतन के तितल्ले वाली वह घटना साकार हो उठती है, जब स्वामिभक्त कुत्ता गुरुदेव को खोजते-खोजते दो मील चलकर आ गया और गुरुदेव के पास खड़ा होकर पूँछ हिलाने लगा। गुरुदेव द्वारा उसकी पीठ पर हाथ फेरते ही उसका रोम-रोम स्नेह रस से आनंदित हो उठा।


प्रश्न 8.

गुरुदेव की मृत्यु पर कुत्ते ने अपनी संवेदना का परिचय कैसे दिया?

उत्तर

गुरुदेव की मृत्यु के बाद जब उनका चिता भस्म कोलकाता से आश्रम लाया गया उस समय अपने सहज बोध के बल पर। आश्रम के द्वार तक आया और चिताभस्म के साथ अन्य आश्रमवासियों के साथ गंभीर भाव से उत्तरायण तक आया और कलश के पास थोड़ी देर तक बैठा रहा।


प्रश्न 9.

गुरुदेव पशु-पक्षियों से भी लगाव रखते थे। एक कुत्ता और एक मैना’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

गुरुदेव पशु-पक्षियों से भी लगाव रखते थे, यह बात दो उदाहरणों से स्पष्ट हो जाती है-

  • गुरुदेव का स्वामिभक्त कुत्ता उनका सान्निध्य पाने के लिए सदैव आतुर रहता था। गुरुदेव भी उस पर प्यार भरा हाथ फेरकर उसे आनंदमय कर देते थे।
  • गुरुदेव ने दल से अलग होकर चल रही मैना को देखकर उसकी करुण स्थिति के बारे में अनुमान कर लिया।


प्रश्न 10.

गुरुदेव प्रकृति से निकटता रखते हुए उससे असीम प्रेम करते थे। उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

गुरुदेव प्रकृति के निकट रहकर उससे असीम प्रेम करते थे। यह इस बात से पता चलता है कि लेखक जब गुरुदेव से मिलने गया तो वे कुरसी पर बैठे अस्तगामी सूर्य की ओर ध्यानमग्न होकर आनंदित हो रहे थे।

बगीचे में सवेरे-सेवेरे टहलते हुए वे एक-एक फूल-पत्ते को ध्यान से देख रहे थे। यह उनके प्रकृति प्रेम का उदाहरण है


प्रश्न 11.

मैना के चेहरे पर करुण भाव देखकर लेखक ने क्या अनुमान लगाया?

उत्तर

गुरुदेव की बात पर विचार करके लेखक ने मैना के चेहरे के करुणभाव को देखकर लेखक ने यह अनुमान लगाया कि शायद यह विधुर मैना है जो पिछली स्वयंवर-सभा के युद्ध में घायल होकर परास्त हो गया था या विधवा पत्नी है जो पिछले बिड़ाल आक्रमण के समय पति को खोकर ईषत् चोट खाकर एकांत विहार कर रही है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.

लेखक ने किस आधार पर ऐसा कहा है कि मैना दूसरों पर अनुकंपा ही दिखाया करती है?

उत्तर

लेखक तीन-चार साल से ऐसे नए मकान में रहने लगा है जिसकी दीवारों में सूराख छोड़ दिया गया है। इसी मकान में एक मैना दंपत्ति प्रतिवर्ष घोंसला बना लिया करता था। वे तिनके और चिथड़े लाकर जमा करते और नाना प्रकार की मधुर वाणी में गाना शुरू कर देते। उन्हें मकान में रहने वालों की कोई परवाह नहीं। यदि नर मैना कोई कागज का टुकड़ा लाते तो मादा और नर दोनों नाच-गाना और आनंद से सारा मकान मुखरित कर देते। मैना के ऐसे स्वभाव को देखकर ही लेखक ने कहा है कि मैना दूसरों पर अनुकंपा दिखाया करती है।


प्रश्न 2.

करुण भाव वाली मैना को लक्ष्य करके गुरुदेव ने जो कविता लिखी थी, उसका सार अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर

गुरुदेव द्वारा लिखी कविता का सार इस प्रकार है। गुरुदेव ने अपने बगीचे में सेमल के पेड़ के नीचे एक अकेली मैना देखी जो लँगड़ाकर चल रही थी। इसके बाद गुरुदेव ने देखा कि वह मैना रोज़ सवेरे साथियों से अलग होकर कीड़ों का शिकार करती है, बरामदे में चढ़ जाती है, नाच-नाचकर चहल-कदमी करती है। गुरुदेव सोचते हैं कि समाज के किस दंड पर उसे निर्वासन मिला है। कुछ ही दूरी पर बाकी मैनाएँ बक-झक कर रही हैं, घास पर उछल-कूद रही हैं पर इसके जीवन में न जाने कहाँ गाँठ पड़ी है। इसकी चाल में वैराग्य का गर्व भी नहीं है।


प्रश्न 3.

लेखक को कौओं के संबंध में किस नए तथ्य का ज्ञान हुआ और कैसे?

उत्तर

एक दिन गुरुदेव सवेरे-सवेरे बगीचे में टहल रहे थे। लेखक भी एक अध्यापक महोदय को लेकर उनके साथ हो लिया गुरुदेव एक-एक फूल-पत्ते को ध्यान से देखते हुए टहल रहे थे तभी गुरुदेव ने पूछा कि आश्रम के कौए कहीं चले गए। हैं क्या, उनकी आवाज़ सुनाई ही नहीं दे रही। लेखक अब तक कौओं को सर्वव्यापी पक्षी समझता था पर उस दिन पता चला कि कौए भी प्रवास पर चले जाते हैं। आखिर सप्ताह भर बाद ही आश्रम में बहुत से कौए दिखाई दिए।

एनसीईआरटी सोलूशन्स क्लास 9 क्षितिज पीडीएफ