NCERT Solutions Class 10 समकालीन भारत - 2 Chapter-4 (कृषि)

NCERT Solutions Class 10 समकालीन भारत - 2 Chapter-4 (कृषि)

NCERT Solutions Class 10 समकालीन भारत - 2 10 वीं कक्षा से Chapter-4 (कृषि) के उत्तर मिलेंगे। यह अध्याय आपको मूल बातें सीखने में मदद करेगा और आपको5 इस अध्याय से अपनी परीक्षा में कम से कम एक प्रश्न की उम्मीद करनी चाहिए। 
हमने NCERT बोर्ड की टेक्सटबुक्स हिंदी समकालीन भारत - 2 के सभी Questions के जवाब बड़ी ही आसान भाषा में दिए हैं जिनको समझना और याद करना Students के लिए बहुत आसान रहेगा जिस से आप अपनी परीक्षा में अच्छे नंबर से पास हो सके।
Solutions Class 10 समकालीन भारत - 2 Chapter-4 (कृषि)
एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर

Class 10 समकालीन भारत - 2

पाठ-4 (कृषि)

अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर

पाठ-4 (कृषि)

पृष्ठ संख्या-48

अभ्यास

बहुवैकल्पिक प्रश्न

(i) निम्नलिखित में से कौन-सा उस कृषि प्रणाली को दर्शाता है जिसमें एक ही फसल लम्बे-चौड़े क्षेत्र में उगाई जाती है?

(क) स्थानांतरी कृषि 

(ख) रोपण कृषि 

(ग) बागवानी 

(घ) गहन कृषि

उत्तर (ख) रोपण कृषि

(ii) इनमें से कौन-सी रबी फसल है?

(क) चावल 

(ख) मोटे अनाज़

(ग) चना 

(घ) कपास

उत्तर (ग) चना

(iii) इनमें से कौन-सी एक फलीदार फसल है?

(क) दालें 

(ख) मोटे अनाज 

(ग) ज्वार 

(घ) तिल

उत्तर (क) दालें

(iv) सरकार निम्नलिखित में से कौन-सी घोषणा फसलों को सहायता देने के लिए करती है?

(क) अधिकतम सहायता मूल्य

(ख) न्यूनतम सहायता मूल्य

(ग) मध्यम सहायता मूल्य

(घ) प्रभावी सहायता मूल्य

उत्तर (ख) न्यूनतम सहायता मूल्य

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।

(i) एक पेय फसल का नाम बताएँ तथा उसको उगाने के लिए अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियों का विवरण दें।

उत्तर

चाय एक महत्वपूर्ण पेय पदार्थ की फसल है। चाय का पौधा उष्ण तथा उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु, ह्यूमस और जीवांश युक्त गहरी मिट्टी तथा सुगम जल निकास वाले ढलवाँ क्षेत्रों में उगाया जाता है।

(ii) भारत की एक खाद्य फसल का नाम बताएँ और जहाँ यह पैदा की जाती है उन क्षेत्रों का विवरण दें।

उत्तर

चावल भारत की मुख्य खाद्य फसल है| यह भारत के उत्तर और उत्तर-पूर्वी मैदानों, तटीय क्षेत्रों और डेल्टाई प्रदेशों में उगाया जाता है।

(iii) सरकार द्वारा किसानों के हित में किए गये संस्थागत सुधारों की सूची बनाएँ।

उत्तर

सरकार द्वारा किसानों के हित में गये विभिन्न संस्थागत सुधार निम्नलिखित हैं-

→ सूखा, बाढ़, चक्रवात, आग तथा बीमारी के लिए फसल बीमा के प्रावधान।

→ न्यूनतम सहायता मूल्य नीति।

→ कृषि निवेश और साधनों जैसे-उर्जा और उर्वरकों पर सहायिकी उपलब्ध करवाना।

→ किसान क्रेडिट कार्ड तथा व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना शुरू करना।

(iv) दिन-प्रतिदिन कृषि के अंतर्गत भूमि कम हो रही है| क्या आप इसके परिणामों की कल्पना कर सकते हैं?

उत्तर

दिन-प्रतिदिन बढ़ती आबादी के साथ कृषि के अंतर्गत भूमि के कम होने के कारण निम्नलिखित परिणाम हो सकते हैं-

→ बढ़ती जनसंख्या के लिए भोजन का अभाव।

→ खाद्यान्नों की कीमतों में वृद्धि।

→ बेरोजगारी तथा किसानों के आजीविका के साधनों का अभाव।

→ कृषि उद्योगों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति में कमी।

→ अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रमुख अंग कृषि उत्पादों के निर्यात पर विपरीत प्रभाव।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।

(i) कृषि उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा किये गए उपाय सुझाइए।

उत्तर

कृषि उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा निम्नलिखित उपाय किये गए हैं-

→ स्वतंत्रता के पश्चात् देश में संस्थागत सुधार करने के लिए जोतों की चकबंदी, सहकारिता तथा जमींदारी आदि की समाप्ति करने की प्राथमिकता दी गयी।

→ प्रथम पंचवर्षीय योजना में भूमि सुधार मुख्य लक्ष्य था।

→ पैकेज टेक्नोलॉजी पर आधारित हरित क्रांति तथा श्वेत क्रांति जैसी कृषि सुधार के लिए कुछ रणनीतियाँ आरम्भ की गई थी।

→ न्यूनतम सहायता योजना, फसल बीमा के प्रावधान, कृषि निवेश तथा साधनों जैसे-उर्जा और उर्वरकों के लिए सहायिकी, ग्रामीण बैंक तथा सहकारी समितियों की स्थापना, किसान क्रेडिट कार्ड तथा व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना जैसी कुछ योजनाएँ हैं जो सरकार ने शुरू की हैं।

(ii) भारतीय कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभाव पर टिप्पणी लिखें।

उत्तर

भारतीय कृषि पर वैश्वीकरण का प्रभाव उपनिवेशकाल से ही दिखाई दिया। भारत से निर्यात किए जाने वाले प्रमुख वस्तुओं में कच्चा कपास तथा मसाले थे। 1917 में बिहार में हुए चंपारन आन्दोलन में किसानों ने अनाज की जगह नील की खेती करने के दबाव का विरोध किया था, जो कि ब्रिटेन के सूती वस्त्र उद्योग के लिए कच्चा माल था। इस प्रकार, वैश्वीकरण भारतीय कृषि के लिए वरदान और अभिशाप दोनों साबित हुआ।

उदारीकरण के बाद भारतीय किसानों को अन्य विकसित देशों को कृषि में अत्यधिक सहायिकी मिलने के कारण कई नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए तथा भारतीय कृषि को सक्षम और लाभदायक बनाने के लिए सीमांत और छोटे किसानों की स्थिति सुधरने पर जोर देने की जरूरत है, साथ ही किसानों को कार्बनिक कृषि का प्रयोग तथा शस्यावर्तन करने की जरूरत है।

(iii) चावल की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियों का वर्णन करें।

उत्तर

चावल की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियाँ निम्नलिखित हैं -

→ यह एक खरीफ की फसल है जिसे उगाने के लिए उच्च तापमान (25⁰ सेल्सियस से ऊपर) और अधिक आर्द्रता (100 सेमी. से अधिक वर्षा) की आवश्यकता होती है।

→ चावल की खेती के लिए बाढ़ के मैदानों की जलोढ़ मिट्टी तथा डेल्टाई इलाका उपयुक्त माना जाता है।

→ इसकी खेती के लिए पर्याप्त वर्षा तथा कम वर्षा वाले क्षेत्र में अच्छी सिंचाई की आवश्यकता होती है|

→ इसकी खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में सस्ते और कुशल श्रम की जरूरत होती है।

क्रियाकलाप

ऊपर-नीचे और दायें-बायें चलते हुए वर्ग पहेली को सुलझाएँ और छिपे उत्तर ढूंढें।

नोट: पहेली के उत्तर अंग्रेज़ी शब्दों में हैं।

Solutions Class 10 समकालीन भारत - 2 Chapter-4 (कृषि)

(i) भारत की दो खाद्य फसलें।

(ii) यह भारत की ग्रीष्म फसल ऋतु है।

(iii) अरहर, मूँग, चना, उड़द, जैसी दालों से..... मिलता है।

(iv) यह एक मोटा अनाज है।

(v) भारत की दो महत्वपूर्ण पेय फसल हैं।

(vi) काली मिट्टी पर उगाई जाने वाली चार रेशेदार फसलों में से एक।

उत्तर

Solutions Class 10 समकालीन भारत - 2 Chapter-4 (कृषि)

(i) चावल और गेंहूँ

(ii) खरीफ

(iii) प्रोटीन

(iv) ज्वार

(v) कॉफ़ी और चाय

(vi) कपास

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