NCERT Solutions class 12 इतिहास Chapter 8 - किसान, जमींदार और राज्य

NCERT Solutions class 12 इतिहास Chapter 8 - किसान, जमींदार और राज्य

NCERT Solutions Class 12 इतिहास  12 वीं कक्षा से Chapter 8  किसान, जमींदार और राज्य के उत्तर मिलेंगे। यह अध्याय आपको मूल बातें सीखने में मदद करेगा और आपको इस अध्याय से अपनी परीक्षा में कम से कम एक प्रश्न की उम्मीद करनी चाहिए। 

हमने NCERT बोर्ड की टेक्सटबुक्स इतिहास के सभी Questions के जवाब बड़ी ही आसान भाषा में दिए हैं जिनको समझना और याद करना Students के लिए बहुत आसान रहेगा जिस से आप अपनी परीक्षा में अच्छे नंबर से पास हो सके।
Solutions class 12 इतिहास Chapter 8 - किसान, जमींदार और राज्य


सीबीएसई कक्षा -12 इतिहास

महत्वपूर्ण प्रश्न

पाठ-08

किसान, जमींदार और राज्य

अति संक्षिप्त प्रश्न (02 अंक)

प्र-1. 16वी. सदी के राज्य अफसरो द्वारा किए जाने वाले विभिन्न कार्यों का वर्णन करें?

उत्तर- भू राजस्व वसूल करना, भूमि की नाप करना, रिकार्ड रखना आदि ।

प्र-2. आइन-ए-अकबरी के लेखक कौन थे?

उत्तर- अबुल फजल, अकबर का दरबारी लेखक थे, नवरत्नों में से एक थे।

प्र-3. रैयत कौन थे, ये कितने प्रकार के थे?

उत्तर- वे किसान थे, दो प्रकार:- खुद काश्त और पाहि काश्त । खुद काश्त उन्हीं गाँव मे रहते थे जिनमें उनकी जमीन दी और पाहि काश्त वे खेतिहर थे जो दूसरे गाँवों से ठेके पर खेती करने आते थी।

प्र-4.आइन के मुताबिक कितने प्रकार की फसल ऋतुएँ थी?

उत्तर- आइन - ए - अकबरी के अनुसार कृषि व्यवस्था में मुख्य रूप से दो कृषि ऋतुएं थी, खरीफ और रबी । खरीफ का उदाहरण चावल और ज्वार और रबी का उदाहरण गेहूँ और चना ।

प्र-5.जिन्स - ए - कामिल से क्या अभिप्राय है ?

उत्तर- सर्वोत्तम फसले जैसे कपास और गन्ना।

संक्षिप्त प्रश्न (5 अंक)

प्र-6. पंचायत के कार्यो का वर्णन कीजिए।

उत्तर- (1) सामुदायिक कार्य जैसे कि मिट्टी के छोटे-छोटे बाँध बनाना था नहर खोदना।

(2) प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की व्यवस्था करना।

(3) ग्रामीण समाज के लिए नियम बनाना।

(4) जाति की अवहेलना रोकना।

(5) सजा देना जैसे जुर्माना लगाना और समुदाय से निष्कासित करना।

प्र-7. आइन-ए-अकबरी का वर्णन कीजिए।

उत्तर- (1) अकबर के साम्राज्य का झलक दर्शाना

(2) सैनिक संगठन का वर्णन करना ।

(3) सरकार के विभागों और प्रान्तों के बारे में विस्तार से जानकारी देना।

(4) राजस्व के स्त्रोत तथा हिसाब रखना ।

(5) खेतिहर समाज का वर्णन करना ।

प्र-8. कृषि उत्पादन में महिलाओं की भूमिका का विवरण कीजिए।

उत्तर- (1) महिलाएँ और मर्द कंधे से कंधा मिलाकर खेतो मे काम करते थे।

(2) बुआई, निराई और कटाई के साथ साथ पकी हुई फसल का दाना निकालना।

(3) सूत कातना, बरतन बनाने के लिए मिट्टी को साफ करना और गूंथना, कपड़ो पर कढ़ाई करना, जैसे दस्तकारी के काम करना ।

(4) बच्चा पैदा करना तथा उनका पालन पोषण करना।

(5) प्रतिबंध, जैसें पश्चिमी भारत में महिलाओं को हल या कुम्हार का चाक छूने की इजाजत नहीं थी, बंगाल में पान के बागान में प्रवेश नहीं सकती थीं।

प्र-9. भू-राजस्व कैसे निर्धारित किया जाता था ?

उत्तर- (1) दीवान पूरे राज्य की वित्तीय व्यवस्था की देख रेख करता था।

(2) भू-राजस्व के दो चरण:- जमा और हासिल । जमा निर्धारित रकम और हासिल सचमुच वसूली की गई रकम ।

(3) जुती हुई जमीन और जोतने लायक जमीन दोनो की नपाई की गई ।

(4) राजस्व कर्मचारियों की नियुक्ति, भू - राजस्व वसूल करने के लिए की गई।

(5) वार्षिक रिर्पोट तैयार करना।

प्र-10. जब्ती व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए ?

उत्तर-(1) जमीन की नाप अनिवार्य ।

(2) भूमि का वर्गीकरण -पोलज, परौती, चचर, और बंजर।

(3) औसत उपज का ज्ञान रखना ।

(4) राज्य का भाग निश्चित करना।

(5) नकद मूल्य निश्चित करना।

(6) भूमिकर एकत्रित करना।

दीर्घ प्रश्न 10 अंक (2+8)

प्र-11. जींदार कौन थे? उनके क्या कार्य थे?

उत्तर- जमींदार ग्रामीण समाज के अभिन्न अंग थे जो अपनी जमीन के मालिक होते थे वे कृषि उत्पादन में प्रत्यक्ष भागीदारी नहीं करते थे ग्रामीण समाज में उँची हैसियत के कारण उन्हें कुछ विशेष सामाजिक और आर्थिक सुविधायें मिली हुई थी। समाज में उनकी उच्च स्थिति के दो कारण थे। पहला जाति, दूसराउनके द्वारा राज्य को दी जाने वाली विशेष सेवायें ।

कार्य:-

(1) भूराजस्व वसूल करना।

(2) राजा और किसान के बीच मध्यस्थता करना।

(3) सैनिक टुकड़ियों की व्यवस्था।

(4) कृषि भूमि का विकास करना।

() किसानो को कृषि के लिए ऋण देना।

(6) अपनी जमीनों की फसल को बेंचना।

(7) गांव में बाजार (हाट) लगाने की व्यवस्था करना ।

(8) जमींदारी की खरीद बेच से गांव की आर्थिक स्थित में सुधार लाना ।

श्रोत आधारित प्रश्न:-

निम्नलिखित अनुच्छेदों को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उनके अंत में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए नकद या जीन्स ?

आइन से यह एक और अनुच्छेद है:-

अमील गुजार सिर्फ नकद लेने की आदत न डाले बल्कि फसल भी लेने के लिए तैयार रहै। यह बाद वाला तरीका कई तरह से काम मे लाया जा सकता है। पहला, कणकुत: हिन्दी जुबान में कण का मतलब है, अनाज, और कुत, अंदाजा ........ अगर कोई शक हो, फसल को तीन अलग.अलग पुलिंदो मे काटना चाहिए अच्छा, मध्यम और बदतर, और इस तरह शक दूर करना चाहिए। अकसर अंदाज से किया गया जमीन का आकलन भी पर्याप्त रुप से सही नतीजा देता है। दूसरा, बटाई जिसे भाओली भी कहते है (में) फसल काट कर जमा कर लेते है और फिर सभी पक्षों की मौजूदगी मे व रजामंदी में बँटवारा करते है लेकिन इसमें कई समझदार निरीक्षकों की जरुरत पड़ती है, वर्ना दुष्ट बुद्धि और मक्कार घोखेबाजी की नीयत रखते है । तीसरे खेत बटाई जब वे बीज बोने के बाद खेत बाँट लेते है।चौथे लाँग बटाई फसल काटने के बाद वे उसका ढेर बना लेते है और फिर उसे अपने में बाँट लेते है, और हरेक (पक्ष) अपना हिस्सा घर ले जाता है और उससे मुनाफा कमाता है।

प्र-1. कणकुत का अर्थ स्पष्ट कीजिए। (2)

उत्तर- हिन्दी जुबान में कण का मतलब है अनाज और कुत का मतलब अंदाजा है ।

प्र-2. भू राजस्व वसूली की बटाई अथवा भाओली प्रथा को स्पष्ट कीजिए। (2)

उत्तर- इसमे फसल काट कर जमा कर लेते है और फिर सभी पक्षों की उपस्थिति में व रजामंदी मे बँटवारा करते है, लेकिन इसमें कई समझदार निरीक्षको की जरुरत पड़ते है।

प्र-3. लाँग बटाई प्रथा की व्याख्या कीजिए (2)

उत्तर- फसल काटने के बाद, वे उसका ढेर बना लेते है और फिर उसे अपने में बाँट लेते है और हरेक अपना अपना हिस्सा घर ले जाता है और उससे मुनाफा कमाता है।

प्र-4. भू राजस्व वसूली की कौन सी प्रथा आप अच्छी समझते है और क्यो? स्पष्ट कीजिए (2)

उत्तर- लाँग बटाई क्योकि सबको अपना अपना हिस्सा मिलता है और मुनाफा मिलता है।


एनसीईआरटी सोलूशन्स क्लास 12 भारतीय इतिहास के कुछ विषय भाग I - II - III